ठंड और कोहरे से फिर जहरीली हुई बुलंदशहर की हवा
पिछले चार दिन से बढ़ रही ठंड और कोहरे की धुंध ने जनपद की हवा को फिर से जहरीला बना दिया है। न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है जबकि हवा में प्रदूषण का स्तर दो गुणा बढ़ गया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। पिछले चार दिन से बढ़ रही ठंड और कोहरे की धुंध ने जनपद की हवा को फिर से जहरीला बना दिया है। न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जबकि हवा में प्रदूषण का स्तर दो गुणा बढ़ गया है। पिछले 24 घंटे में एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 236 से बढ़कर 343 पर पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता का ये सूचकांक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए सावधानी बरतें।
बरसात के मौसम के बाद अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में दीपावली की आतिशबाजी से प्रदूषण बढ़ा था। पूरा नवंबर माह प्रदूषण के उतार-चढ़ाव में बीत गया। दिसंबर के शुरुआत में बारिश हुई तो हवा स्वच्छ हो गई और एक्यूआइ गिरकर 86 पर आ गया, लेकिन अब गिरता तापमान और बढ़ती ठंड के साथ ही कोहरे की धुंध हवा की स्वच्छता की दुश्मन बन गई है। बुलंदशहर प्रदूषण के खतरनाक जोन में पहुंच गया है। बढ़ते प्रदूषण के पीछे हवा की रफ्तार कम होना भी एक कारण बताया जाता है। सोमवार को हवा की गुणवत्ता की सूचकांक 186 रिकार्ड किया गया था। मंगलवार शाम चार बजे 236 एक्यूआइ दर्ज किया गया। बुधवार शाम चार बजे एक्यूआइ 343 पर पहुंच गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार की शाम दिल्ली का एक्यूआइ 363, गाजियाबाद का 421 और हापुड़ का 276 रिकार्ड किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक शाम को आठ से रात दस बजे के बीच प्रदूषण ओर ज्यादा हो जाएगा, क्योंकि ठंड और कोहरे की धुंध इस समय बढ़ जाती है। प्रदूषण के चलते लोगों की परेशानी भी बढ़नी शुरू हो गई है। हवा में घुले जहर से सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा और हृदय रोगियों को हो रही है। सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण ओर बढ़ने की संभावना है।
अच्छी क्वालिटी का मास्क लगाएं
प्रदूषण से बचने के लिए खास सावधानी बरतें, मास्क अच्छी क्वालिटी का पहनें, घर से बाहर निकलने से पहले मास्क जरुर पहनें, घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें, खाने में हरी सब्जी का प्रयोग करें, जरुरी हो तो ही घर से बाहर निकलें। आंखों में सुबह-शाम गुलाब जल डालें। गुड़ के साथ दूध का सेवन करें, आधा चम्मच हल्दी दूध से सेवन करें। हरी सब्जियां खाएं और पानी गुनगुना ही पीएं।
-डा. हितेश कौशिक, आयुर्वेद चिकित्सक इन्होंने कहा.
हवा की रफ्तार कम होने, सर्दी बढ़ने और कोहरे की धुंध बढ़ने के कारण प्रदूषण में वृद्धि हुई है। कई दिन से प्रदूषण नहीं था। बुधवार की शाम को ही एक्यूआइ 340 के पार पहुंचा है। बारिश होने या धूप खिलने पर एक्यूआइ में गिरावट आएगी।
-जीएस श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड