Bulandshahr: जनपद से बिना रुके निकल गई बजट की गाड़ी, नहीं मिली कोई ट्रेन; स्टापेज बढ़ने की मांग रह गई अधूरी
Bulandshahr वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट में रेलवे सेक्टर के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की घोषणा की गई लेकिन नई ट्रेनों को लेकर कोई एलान नहीं किया गया और ना ही ट्रेनों के स्टापेज को बढ़ाने की व्यवस्था हुई।
बुलंदशहर (खुर्जा) जागरण संवाददाता: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट में रेलवे सेक्टर के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की घोषणा की गई, लेकिन नई ट्रेनों को लेकर कोई एलान नहीं किया गया और ना ही ट्रेनों के स्टापेज को बढ़ाने की व्यवस्था हुई। जिस कारण इस बार भी बजट की गाड़ी जनपद में बिना रूके ही निकल गई।
बुलंदशहर जनपद में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर खुर्जा जंक्शन बड़ा स्टेशन है। जहां से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। जिनके लिए इस स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों की संख्या काफी कम है। स्टेशन से लगभग सैकड़ों ट्रेन प्रतिदिन होकर गुजरती है, लेकिन यहां पर केवल दर्जनभर एक्सप्रेस ट्रेनों का ही ठहराव है। जिसके चलते लंबी दूरी की गाड़ी पकड़ने के लिए यात्रियों को अलीगढ़ और दिल्ली-गाजियाबाद जाना पड़ता है।
इतना ही नहीं बुलंदशहर से सीधे दिल्ली के लिए ट्रेन की मांग भी पिछले काफी समय से की जा रही थी। इसके अलावा लोगों को बजट में नई ट्रेन मिलने और एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की संख्या बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर पानी फिर गया। क्योंकि ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया।
हालांकि बजट में रेलवे सेक्टर के लिए 2.4 लाख करोड़ की बड़ी राशि का ऐलान किया गया। जनपद के लिए कोई खास सौगात नहीं मिलने से यात्रियों के सपने फिर से टूट गए।
यात्रियों का ये कहना है
खुर्जा जंक्शन स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव कम है। बजट में ट्रेनों का ठहराव बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिस कारण निराशा हाथ लगी है।
बजट में 2.4 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की घोषणा की गई। जिसमें पिछले बजट में हुई घोषणाओं को पूरा किया जाएगा। जिसके तहत रेलवे का विकास होगा और यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा।
लोकल ट्रेनों में कोचों की संख्या कम है। इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बजट में कोच बढ़ाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।
बुलंदशहर में ट्रेनों की कमी के चलते काफी लोग ट्रेन द्वारा दिल्ली आने-जाने से वंचित रह जाते हैं, उन्हें मजबूरन बसों में सफर करना पड़ता है। बजट में नई ट्रेन की कोई घोषणा नहीं हुई।