ऊंचागांव से गजरौला तक बनेगा गंगा नदी पर पुल
पिछले तीन दशक से ऊंचागांव के साथ जनपदवासी गंगा पर गजरौला तक पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। तमाम मंचों पर मांग को उठाया गया लेकिन बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ सकी।
जेएनएन, बुलंदशहर: पिछले तीन दशक से ऊंचागांव के साथ जनपदवासी गंगा पर गजरौला तक पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। तमाम मंचों पर मांग को उठाया गया, लेकिन बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ सकी। अब भाजपा सरकार ने क्षेत्र के लोगों की मांग पर ध्यान दिया और 92 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। सेतु निर्माण के लिए बजट स्वीकृत होने की जानकारी खुद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर दी है। गंगा पर होने वाले सेतु निर्माण को लेकर क्षेत्रवासी काफी खुश है।
गंगा पार स्थित जनपद अमरोहा जाने के लिए वर्तमान में जनपदवासी अनूपशहर से होकर सफर करते हैं। इस कारण करीब 35 किमी का अतिरिक्त रास्ता तय करना होता है। उधर, पिछले तीन दशक से ऊंचागांव क्षेत्र को गंगा पार अमरोहा जनपद से जोड़ने के लिए सेतु निर्माण की मांग चल रही थी। कई बार पुल निर्माण को लेकर धरना-प्रदर्शन भी हुए लेकिन बात आश्वासन ने आगे नहीं बढ़ सकी। कुछ दिन पहले सेतु निर्माण विभाग की टीम ने सर्वे किया, इसके बाद क्षेत्रवासियों को पुल निर्माण की उम्मीद जागी। तीन नवंबर को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर ऊंचागांव क्षेत्र से गंगा पार थाना गजरौला तक 92 करोड़ के बजट से पुल निर्माण की जानकारी साझा की। होगा बड़ा लाभ
ऊंचागांव क्षेत्र में वर्तमान में कोई हाईवे नहीं है। गंगा पार पड़ोसी जनपद अमरोहा में व्यापार करने के लिए भी अनूपशहर से होकर जाना पड़ता है। इससे वाहन खर्च और समय अधिक लगता है। गंगा पर पुल का निर्माण होने से जहां क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खुलेंगे वहीं व्यापार भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। सेतु निर्माण का किया था वायदा
ऊंचागांव निवासी ब्रह्मापाल सिंह भाटी एक वर्ष पहले शहीद हो गए थे। जवान की शहादत के बाद सांत्वना देने आए प्रदेश के गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा के सामने शहीद के स्वजनों ने पुल निर्माण की मांग की थी। मंत्री ने तब स्वजनों और क्षेत्रवासियों को शहीद ब्रह्मापाल सिंह भाटी के नाम पर गंगा पुल का निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। इनका कहना है..
गंगा पर पुल का निर्माण होने से जनपद को काफी लाभ होगा। पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से खुद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में चर्चा भी की थी। हालांकि अभी आधिकारिक दिशा-निर्देश शासन से प्राप्त नहीं हुए हैं।
- रविद्र कुमार, जिलाधिकारी।