पशुओं से भरी गाड़ियों को रोकने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से मारपीट
कोतवाली क्षेत्र के गांव नीमका के समीप बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने पशुओं को ले जा रहे आधा दर्जन वाहनों रोक लिया।
जेवर: कोतवाली क्षेत्र के गांव नीमका के समीप बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने पशुओं को ले जा रहे आधा दर्जन वाहनों रोक लिया। इस पर व्यापारियों ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को हिरासत में लिया है। कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने पर आक्रोशित बजरंग दल ने कोतवाली में हंगामा किया। मौके पर एसडीएम ने कार्यकर्ताओं को छोड़ने व आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।
शुक्रवार सुबह को जेवर-टप्पल मार्ग पर कैलाश अस्पताल के समीप पशु पैठ लगता है। खुर्जा के व्यापारी पैठ से खरीदे गए सैकड़ों पशुओं को एक ट्रक व पांच पिकअप में लेकर जा रहे थे। इसकी जानकारी होने पर गांव नीमका के निकट स्थित पुलिस चौकी के सामने बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सभी गाड़ियों को रोक लिया तथा पुलिस को सूचना देकर आरोपितों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की। पुलिस व बजरंग दल कार्यकर्ता गाड़ियों को लेकर कोतवाली लौटने लगे। इसी दौरान खुर्जा मार्ग पर विकास खंड परिसर के निकट एक गाड़ी के चालक ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं की बाइक में टक्कर मार दी, जिससे दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। तीन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को चोट लग गई। कोतवाली पुलिस ने लाठी फटकारते हुए दोनों पक्षों को मौके से खदेड़ दिया और तीन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं संजीव, जवाहर व एक अन्य को हिरासत में ले लिया। इसके बाद आक्रोशित बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र सिह भाटी ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराया। जिसके बाद उपजिलाधिकारी जेवर प्रसून द्विवेदी ने कोतवाली में पहुंचकर हिरासत में लिए गए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को रिहा कराया तथा आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हो सका।
कई थानों की पुलिस फोर्स बुलाई
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और विशेष समुदाय के लोगों को एकत्र होता देखकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से सतर्क हो गए। उन्होंने आननफानन में कंट्रोल रूम फोन करके फोर्स बुलाई। जिस पर रबूपुरा कोतवाली पुलिस व पुलिस लाईन से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। हालांकि जब तक मामला पूरी तरह से शांत हो गया था।