नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की..
गांव सहार में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव की झांकी निकलते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे।
बुलंदशहर, जेएनएन। गांव सहार में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव की झांकी निकलते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे। जन्मोत्सव में भक्तीमय भजनों पर श्रोता जमकर झूमते हुए नजर आए। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों और नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल के जयघोष से वातावरण गूंजमान हो उठा।
छतारी के गांव सहार में आयोजित भागवत कथा में चौथे दिन कथा व्यास आचार्य शेखर उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की महत्ता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पाप बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मथुरा में राजा कंस के अत्याचार से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। उन्होंने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह अवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। इस मौके पर बच्चू शर्मा, सत्यपाल राघव, मोना, दिनेश, संतोष, घूरेलाल, सत्यप्रकाश, भूरा राघव ग्राम प्रधान, चंद्रकांत शर्मा आदि रहे।