जीवन अमूल्य है, सीट बेल्ट व हेलमेट का करें इस्तेमाल
गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट लगाना सफर को सुरक्षित बनाती है। यह जानते तो सभी है, लेकिन फिर लोग अक्सर सीट बेल्ट नहीं लगाते। यह लापरवाही लोगों की ¨जदगी के लिए खतरा बन सकती है। जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए गाड़ी में सीट बेल्ट लगाना व दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहनकर चलना चाहिए।
बुलंदशहर: गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट लगाना सफर को सुरक्षित बनाती है। यह जानते तो सभी है, लेकिन फिर लोग अक्सर सीट बेल्ट नहीं लगाते। यह लापरवाही लोगों की ¨जदगी के लिए खतरा बन सकती है। जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए गाड़ी में सीट बेल्ट लगाना व दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहनकर चलना चाहिए।
अक्सर देखने को मिलता है कि कुछ लोग सीट बेल्ट न लगाकर या हेलमेट न पहनने पर खुद पर गर्व महसूस करते है। वे समझते है कि उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, ये उनकी बहुत बड़ी भूल है। अक्सर ऐसे लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि सफर में सीट बेल्ट व हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए। दोपहिया वाहन के टकराने, फिसलकर गिरने से उस पर सवार व्यक्ति के सिर में गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है। ऐसे हादसों में हेलमेट सुरक्षा कवच का काम करता है। अगर वाहन पर बच्चे साथ है तो उन्हें भी हेलमेट पहनाकर उनका जीवन सुरक्षित बनाएं। सीट बेल्ट लगाने की जरूरत
सीट बेल्ट लगाना इसलिए जरूरी है कि सफर के दौरान बेल्ट सीट से इधर-उधर फिसलने नहीं देती और हादसा होने पर सीट बेल्ट से झटका नहीं लगने देगी। सीट बेल्ट का डिजाइन इस तरह से होता है कि वह धीरे-धीरे खींचने से तो खींचती चली जाती है, लेकिन अगर झटके से उसे खींचा जाए तो वह लॉक हो जाती है और खींचती नहीं है। इस तरह दुर्घटना होने पर सीट बेल्ट डैश बोर्ड या स्टे¨रग से टकराने से बचाएगी। इससे काफी हद तक गंभीर घायल होने से बचा जा सकता है। इसलिए सुरक्षित सफर के लिए सीट बेल्ट बांधना जरूरी है। इसका दूसरा फायदा ये भी है कि आरामदायक सफर के साथ चौराहे पर पुलिस भी कोई टोका-टाकी नहीं करेगी, वरना पुलिस सीट बेल्ट न लगाने पर चालान कर सकती है, जिसका जुर्माना भरना पड़ेगा। बच्चों को सीट बेल्ट लगाने के फायदे
गाड़ी में बच्चों को फ्रंट सीट पर न बैठाकर पीछे बैठाना ज्यादा सुरक्षित होता है। फ्रंट सीट पर सीट बेल्ट बच्चे को पर्यापत सुरक्षा नहीं दे सकेगी। कुछ लोग समझते है कि गाड़ी में पीछे बैठने से बेल्ट लगाना जरूरी नहीं समझते, लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। अगर सड़क पर दो गाड़ियां आपस में टकरा जाए तो झटका लगने से पीछे बैठे बच्चे उछलकर चोट खा सकते हैं। बेल्ट का दूसरा फायदा ये है कि बच्चे उछल कूद या सीट पर खेलने के बजाए सुरक्षित एक जगह बैठे रहेंगे। अगर गाड़ी अचानक असंतुलित हो जाए तो ऐसी दशा में बच्चे चोट लगने से बच जाएंगे। आइएसआइ हेलमेट के फायदे
बाजार में सस्ते व नकली हेलमेट की भरमार है। बहुत से लोग सस्ता व चालान से बचने के लिए नकली हेलमेट खरीद लेते है। इसका नुकसान ये है कि अगर दुर्घटना हो जाए तो ये सिर में चोट लगने से नहीं बचा सकेंगे, इसलिए आइएसआइ मार्का का ऑरिजिनल लेना चाहिए। इसका फायदा ये है कि यह टिकाऊ होता है और इनकी लाइफ ज्यादा होने के साथ दिखने में भी सुंदर होते हैं। बाजार में एक से दो हजार तक आइएसआइ मार्का वाला हेलमेट आसानी से उपलब्ध है।