धुंध से बढ़ा जिले का वायु प्रदूषण
अचानक धुंध बढ़ने से बुलंदशहर की हवा में प्रदूषण बढ़ गया है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक प्रदूषण का नार्मल औसत 60 माइक्रॉन प्रति घन मीटर होना चाहिए, लेकिन पिछले दस दिन से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
बुलंदशहर : अचानक धुंध बढ़ने से बुलंदशहर की हवा में प्रदूषण बढ़ गया है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक प्रदूषण का नार्मल औसत 60 माइक्रॉन प्रति घन मीटर होना चाहिए, लेकिन पिछले दस दिन से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में लगी मशीन के मुताबिक बढ़ते-बढ़ते प्रदूषण खतरे की बार्डर लाइन पर चल रहा है। अभी तक प्रदूषण 100 माइक्रोन प्रति घन मीटर था, लेकिन सोमवार को अचानक धुंध बढ़ने के कारण यह 130 माइक्रॉन पहुंच गया। धुंध से ये हो सकती हैं बीमारियां
सीएमओ डा. केएन तिवारी का कहना है कि हवा में प्रदूषण की धुंध का मतलब प्रदूषित हवा से है। जब व्यक्ति के शुद्ध आक्सीजन नहीं मिलेगी तो इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। प्रदूषित हवा का असर स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों पर इस तरह से पड़ता है। अस्थमा के रोगियों को इससे परेशानी बढ़ेगी। खांसी, धसक, जुकाम और गले के इंफेक्शन के साथ ही आंखों के लिए भी ये धुंध हानिकारक है। बचाव
सीएमओ के मुताबिक इसमें सावधानी ही बचाव है। सुबह के समय का टहलना बंद कर दें। घर से बाहर निकलें तो मास्क पहनकर ही निकलें। घर और प्रतिष्ठान के दरवाजे खिड़की बंद रखें। प्रतिष्ठान में लोग बैठे तो मास्क लगाकर ही बैठे। अस्थमा और हृदय के रोगी घर से बाहर न निकालें। बच्चों को भी इस मौसम में बचाकर रखें। जन्मजात अस्थमा वाले लोगों को इस मौसम में परेशानी अधिक होती है। वे अपने डाक्टर से सलाह लें। प्रदूषण की इंडेक्स वैल्यू पीएम 2.5 का स्तर (प्रति घन मीटर)
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