सात सौ मीटर सड़क के साथ सैकड़ों की बीघ फसल गंगा में समाई
सात सौ मीटर सड़क के साथ सैकड़ों की बीघ फसल गंगा में समाई बुलंदशहर जेएनएन। उत्तराखंड
सात सौ मीटर सड़क के साथ सैकड़ों की बीघ फसल गंगा में समाई
बुलंदशहर, जेएनएन। उत्तराखंड बैराज से कम मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते अब गंगा का जल स्तर कम होने से खादर क्षेत्र में कटान होना शुरू हो गया है।ऊंचागांव के मढैयां ताहरपुर में गंगा के कटान से लगभग 700 मीटर सड़क और सैंकड़ों बीघे फसल गंगा में समा गई है। वहीं, खादर क्षेत्र के दो दर्जन गांव में हजारों बीघे फसल जलमग्न हो गई है। गंगा का जल स्तर कम होने से गंगा ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा का जल सतर कम होने से गंगा की धाराओं ने कटान करना शुरू कर दिया है। ऊंचागांव क्षेत्र के गांव मढैया ताहपुर और चांसी में 700 मीटर सड़क के साथ किसानों की सैकड़ों बीघे गन्ना की फसल गंगा में समा गई है। पिछले तीन दिन से लगातार हो रहे कटान के चलते के हर सैकड़ों बीघे जमीन गंगा में समा रही है। लेकिन तीन दिन से हो रहे कटान की स्थिति को देखने के जिला प्रशासन कोई अफसर नहीं पहुंचा है। हर साल इस क्षेत्र में गंगा अपने साथ सैकड़ों बीघे जमीन का कटान कर देती है। लेकिन पहली बार गंगा ने 700 मीटर सड़क को भी अपने साथ बहा लेकर गई। किसान नौबत सिंह रामदेई, विद्या शर्मा, राजपाल सिंह, धीरज सिंह, रविन्द्र सिंह, संदीप सिंह सहित सैकड़ों किसानों की गन्ना की फसल गंगा में समा गई है। खादर क्षेत्र में हजारों बीघे गन्ना, लौकी, मिर्च की फसल जलमग्न हो गई है। लौकी, मिर्च व काशीफल की फसल जल म्गन होने से उनके नष्ट होने की आशंका किसानों की चिता को बढ़ा रही है।
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बोले किसान
गंगा कटान से किसानों की जमीन हर साल गंगा में समा जाती है। लेकिन प्रशासन किसानों के दर्द को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। हर साल किसानों की सैकड़ों बीघे फसल को गंगा अपने साथ बहाकर ले जाती है।
नौबत सिंह, किसान
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गंगा के कटान में हर साल किसानों की जमीन कट जाती है। मेरी भी इस बार पांच बीघा गन्ना की फसल कटान के चलते गंगा में समा गई है। सैकड़ों किसानों की हजारों बीघे जमीन का गंगा ने कटान कर दिया है।
- रामदेई, किसान