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चौबीस घंटे में 50 हजार प्रवासियों को मंजिल तक पहुंचाया

दिल्ली एनसीआर नोएडा गाजियाबाद से बड़ी संख्या में जिले में लोग आ रहे हैं। अधिकतर लोग पूर्वाचल के रहने वाले हैं। इन लोगों को जिले के अधिकारी और सामाजिक संगठन खाना खिलाने के बाद रोडवेज बसों में बैठाकर उनके गंतव्य तक भेज रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 10:53 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:07 AM (IST)
चौबीस घंटे में 50 हजार प्रवासियों को मंजिल तक पहुंचाया
चौबीस घंटे में 50 हजार प्रवासियों को मंजिल तक पहुंचाया

बुलंदशहर, जेएनएन। दिल्ली, एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद से बड़ी संख्या में जिले में लोग आ रहे हैं। अधिकतर लोग पूर्वाचल के रहने वाले हैं। इन लोगों को जिले के अधिकारी और सामाजिक संगठन खाना खिलाने के बाद रोडवेज बसों में बैठाकर उनके गंतव्य तक भेज रहे हैं। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटे में वह 50 हजार से अधिक लोगों को उनके जिलों तक पहुंचा चुके हैं। अभी भी कुछ लोगों का आना हो रहा है। डीएम ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को जिले में कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है। सैनिटाइज करके बस में बैठाया जा रहा

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एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि उनके यहां भूड़ चौराहा, नरौरा-दिल्ली बॉर्डर पर अधिक संख्या में लोग आ रहे हैं। इन लोगों को घर भेजने के लिए दोनों स्थानों पर बसों की व्यवस्था की गई है। वहीं बस कम पड़ने के कारण कुछ निजी वाहनों को भी लगाया गया है। एसएसपी ने बताया कि सभी लोगों का कोरोना वायरस चैक करने के बाद ही बस में बैठाया जा रहा है। सैनिटाइजर से हाथ साफ कराए जा रहे हैं। लोगों को मास्क लगाकर बस में बैठने के लिए कहा जा रहा है। इन जिलों के आ रहे अधिकतर लोग

बदायूं, अलीगढ़, नरौरा, कानपुर, इटावा, भदोही जिलों के लोग अधिकतर दिल्ली से पहुंच रहे हैं। यहां से इन सभी के लिए उनके जिलों तक रोडवेज बसें पहुंचा रही है। हालांकि अलीगढ़ तक के लिए तो निजी वाहनों का भी इंतजाम किया गया है। शनिवार को इन लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 24 बसें लगाई गई थी। वहीं, रोडवेज के एआरएम धीरज पंवार ने बताया कि रविवार को 27 रोडवेज बसें लगाई है। इसलिए छोड़नी पड़ी दिल्ली

अलीगढ़ के ऊपरकोट मोहल्ले की रहने वाली महिला नूरजहां और उसके पति सलीम ने बताया कि वह एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। उनके मालिक ने फैक्ट्री को बंद कर दिया और घर जाने के लिए कहा। कुछ दिन तो उसने खाना व खर्चा दिया, लेकिन बाद में मना कर दिया। कहा कि वह अपने घर जाए और उनकी सेलरी उन्हें मिल जाएगी। अब मिलेगी या नहीं। इसी अफसोस में दंपती अपने घर की ओर चल दिया। जिले में नहीं बनाया गया कोई कैंप

जिले में बाहर से आने वाले लोगों के ठहरने के लिए कोई कैंप नहीं बनाया गया है। जो भी व्यक्ति या महिला बाहर से जिले में आ रहे हैं। उन्हे बसों के द्वारा उनके जिलों में भेजा जा रहा है। हालांकि यहां पर खाने और स्वास्थ्य टीम की सुविधा की हुई है। इन्होंने कहा..

पिछले 24 घंटे में हम लगभग 50 हजार लोगों को जिले से सुरक्षित पार करा चुके हैं। पर्याप्त रोडवेज बसों का इंतजाम किया गया है। किसी को कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है।

संतोष कुमार सिंह, एसएसपी


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