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किसानों का 271 करोड़ बकाया

कृषि प्रधान जिले में राज्य सरकार के निर्देशों का पालन सख्ताई से नहीं हो पा रहा है। किसानों को 14 दिनों में गन्ना भुगतान करने का दावा किया गया था लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी चार चीनी मिलों पर किसानों का 87.79 करोड़ रुपये बकाया है। इतना ही नहीं 21 करोड़ रुपये के ब्याज पर भी चीनी मिलें कुंडली मारकर बैठी हैं। ऐसे में किसानों आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 09:53 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:53 AM (IST)
किसानों का 271 करोड़ बकाया
किसानों का 271 करोड़ बकाया

जेएनएन, बुलंदशहर। कृषि प्रधान जिले में राज्य सरकार के निर्देशों का पालन सख्ताई से नहीं हो पा रहा है। किसानों को 14 दिनों में गन्ना भुगतान करने का दावा किया गया था, लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी चार चीनी मिलों पर किसानों का 87.79 करोड़ रुपये बकाया है। इतना ही नहीं 21 करोड़ रुपये के ब्याज पर भी चीनी मिलें कुंडली मारकर बैठी हैं। ऐसे में किसानों आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है।

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जिले में 1.55 लाख गन्ना किसान अलग-अलग सहकारी समिति में पंजीकृत हैं। इनके परिवार गन्ने की फसल से जुड़े हैं। किसान नए कानूनों को लेकर आंदोलनरत हैं और बगैर फीस के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में किसान परिवारों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है।

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ये है गत वर्ष का बकाया

बुलंदशहर शुगर मिल 3312.63

अनूपशहर चीनी मिल 1934.18

सिभावली चीनी मिल 1905.36

वैजनाथपुर चीनी मिल 1621.68

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वित्तीय पेराई सत्र का हाल

बुलंदशहर, अगौता, अनूपशहर और साबितगढ़ चीनी मिलों ने 2020-21 पेराई सत्र में 46 लाख 30 हजार 382 कुंतल गन्ने की पेराई कर ली है। खेतों से 46.30 प्रतिशत गन्ना आपूर्ति चीनी मिलों को किसानों ने कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न करने से चीनी मिलों ने एक रुपये का भी भुगतान किसानों को नहीं किया है। गत वर्ष के समर्थन मूल्य का आकलन करें तो 162 करोड़ 59 लाख रुपये की कीमत का गन्ना चीनी मिलों को आपूर्ति किया जा चुका है।

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क्या कहते हैं किसान

गन्ने की फसल अब जी का जंजाल बनने लगा है। पेराई सत्र को दो माह बीत गए। पेड़ी की अधिकांश फसल चीनी मिलों पर आपूर्ति की जा चुकी है लेकिन अभी न तो गत वर्ष का भुगतान मिला और इस वर्ष का तो अभी भुगतान का मतलब ही नहीं।

-सुखराम, बिलौनारूप डिबाई।

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चीनी मिलों पर हजारों रुपये का भुगतान को एक वर्ष हो गए और अब एक लाख रुपये से अधिक का गन्ना आपूर्ति कर दिया है। ऐसे में राज्य सरकार को किसानों की सुध लेनी चाहिए। पैसा न होने से बच्चों की फीस तक जमा नहीं हो पा रही।

-मोहनलाल, बिलौनारूप, डिबाई।

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इन्होंने कहा..

दो चीनी मिलों ने गत पेराई सत्र का पूर्ण भुगतान कर दिया है, दो पर अभी बाकी है, इन्हें नोटिस भेजे गए हैं। किसानों को 91 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। वित्तीय वर्ष का मूल्य घोषित होते ही भुगतान कराया जाएगा।

-डीके सैनी, डीसीओ।


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