जिला अस्पताल में सीएमएस समेत 13 डाक्टर मिले गैरहाजिर
डीएम के निर्देश पर निरीक्षण किया था। 13 डाक्टरों समेत स्टाफ के काफी कर्मचारी गायब मिले हैं ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से शुरू होता है तो डाक्टरों को समय से आना चाहिए। लेकिन अस्पताल में पूरी तरह से मनमानी है। एक-एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।
बुलंदशहर: आए दिन अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जिला अस्पताल में सोमवार को एडीएम प्रशासन के निरीक्षण में 13 चिकित्सकों समेत कुल 35 स्वास्थ्यकर्मी और स्टॉफ गायब मिला। डाक्टरों की तो छोड़िए खुद सीएमएस अस्पताल में नहीं थे। अनुपस्थित रहने वाले डाक्टरों और स्टाफ पर एक का वेतन काटने की कार्रवाई होगी।
डीएम अभय सिंह के निर्देश पर एडीएम प्रशासन रविंद्र कुमार सुबह साढ़े आठ बजे जिला अस्पताल पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने सीएमएस डा. रामवीर सिंह के कार्यालय में पहुंचे लेकिन वह गायब मिले। इसके बाद उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर अपने कब्जे ले लिया और इमरजेंसी, ओपीडी, सर्जिकल वार्ड, सामान्य वार्ड, मेडिकल वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान डा. परवेंद्र सिंह, डा. मनीषा बंसल, डा. अमित माथुर, डा. चंद्रप्रकाश, डा. अनिरुद्ध प्रताप सिंह, डा. आकांक्षा सिंह (संविदा), डा. केपी सिंह, डा. उदयवीर सिंह, डा. एसके श्रीवास्तव, डा. परवेज आलम (संविदा), डा. आकांक्षा चौहान (संविदा) गायब मिले।
इसके अलावा एक्सरे टेक्नीशियन बीरबल, वेक्सीनेटर सुधा श्रीवास्तव व अर्चना श्रीवास्तव, संतोष कुमार नाविक (संविदा) भी अनुपस्थित मिले। एनआरसी संविदा स्टाफ ऋचा चौधरी, माला, सुषमा शर्मा, कुमकुम शर्मा, रचना इन्टर्न फार्मासिस्ट नरेश चंद गायब मिले। एनसीडी संविदा स्टाफ में तनु सिंह, देवेंद्र प्रताप, मोनिका, वाहन चालक सतेंद्र, साधना शर्मा, तरुण शर्मा, सुनील कुमार, कमलेश अनुपस्थित मिले। बीएएमएस इंटर्न में डा. योगेश कुमार, डा. मोहम्मद शाहविद, डा. उपासना सैनी और डा. प्रियंक कुमार भी ड्यूटी पर नहीं मिले। गंदगी पर जताई नाराजगी
एडीएम ने अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान टायलेट तक चेक किए। वार्ड में पड़े बेड की चादरें कई दिन से नहीं बदली गई थीं। टायलेट बहुत गंदे थे। वार्डो में टायलेट बंद मिले और उन पर ताला लटका था। गंदगी पर उन्होंने सफाई कंपनी के सुपरवाइजर से कहा कि सफाई व्यवस्था चौपट है और मरीज परेशान हैं। किसी भी मरीज ने तहरीर दी तो मुकदमा दर्ज होगा और तुम जेल चले जाओगे। इन्होंने कहा..
डीएम के निर्देश पर निरीक्षण किया था। 13 डाक्टरों समेत स्टाफ के काफी कर्मचारी गायब मिले हैं, ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से शुरू होता है तो डाक्टरों को समय से आना चाहिए। लेकिन अस्पताल में पूरी तरह से मनमानी है। एक-एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।
-रविंद्र कुमार, एडीएम प्रशासन
इतनी सुबह निरीक्षण की क्या औचित्य है। सभी डाक्टरों ने रात में भी ड्यूटी पर थे, इसलिए सुबह थोड़ा देरी से आए हैं। मैं खुद 8:20 पर आ गया था।
-डा. रामवीर सिंह, सीएमएस