सड़क किनारे मिलीं कछुओं से भरी 11 बोरियां
थाना खुर्जा देहात और छतारी क्षेत्र में तस्कर कछुओं से भरी 11 बोरियों को सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने जांच-पड़ताल की। वन विभाग की टीम ने कछुओं को नहर व काली नदी में छुड़वा दिया।
जेएनएन, बुलंदशहर। थाना खुर्जा देहात और छतारी क्षेत्र में तस्कर कछुओं से भरी 11 बोरियों को सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने जांच-पड़ताल की। वन विभाग की टीम ने कछुओं को नहर व काली नदी में छुड़वा दिया।
मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने थाना खुर्जा देहात क्षेत्र के गांव सलेमपुर पहाड़गढ़ी के निकट सड़क किनारे दो बोरियों में भरे कछुए देखे। सूचना पर थाना पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। दोनों बोरियों से 43 कछुआ बरामद हुए। वन विभाग की टीम ने कछुओं को पलरा झाल पर नहर में छोड़ दिया।
उधर, छतारी थानाक्षेत्र में गांव चौढेरा के निकट भी कछुओं से भरी नौ बोरियां मिलीं। इनमें करीब 110 कछुए थे। पुलिस ने कछुओं को कब्जे में लिया। वन विभाग की टीम ने कछुओं को काली नदी में छोड़ दिया। कछुओं को किसने फेंका, इसका अभी कुछ पता नहीं लग पाया है। आशंका है कि कछुओं को लेकर जा रहे तस्कर पुलिस के डर से इन्हें सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है। इस संबंध में एसपी देहात हरेंद्र सिंह ने कहा कि छतारी और खुर्जा देहात क्षेत्र में 11 बोरियों में कछुआ मिले हैं। पता लगाया जा रहा है कि कछुआ किसने यहां फेंके हैं।
रिश्तेदारों पर लाखों की ठगी का आरोप
ककोड़ क्षेत्र के गांव झाझर निवासी दो भाइयों ने बुलंदशहर निवासी अपने रिश्तेदारों पर ठगी करने का आरोप लगाया है। कार्रवाई को लेकर पीड़ित ने पुलिस को तहरीर दी है।
झाझर निवासी लवकुश व देवराज शर्मा पुत्रगण महेन्द्र शर्मा ने बताया कि बुलंदशहर निवासी उनके दो रिस्तेदारों को 20.40 लाख रुपये दो- चार महीने में लौटाने की बात पर बतौर उधार दिये थे। बार बार तकादा करने के बावजूद आरोपितों ने रूपये नहीं लौटाए। बार-बार तगादा करने पर आरोपितों ने पांच-पांच लाख के चार और चालीस हजार का चेक दे दिया। बताया कि बैंक में जमा करने पर सभी चैक बाउंस हो गए। चेक बाउंस होने पर पीड़ितों ने जब आरोपितों से बातचीत की तो गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इस पर पीड़ितों ने पुलिस को नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। इंस्पेक्टर योगेन्द्र मलिक ने बताया कि तहरीर प्राप्त हो चुकी है। तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।