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बाटम..25बिजसी3,4, श्रमिक बिना लाचार किसान झेल रहा परेशानी

बिजनौर जेएनएन। कोरोना और लॉकडाउन के बीच मौसम की मार झेल चुका किसान वर्ग खासी परेशानी झेल रहा है। पहले गेहूं की कटाई में देरी हुई तो अब गन्ने की खेती करने में उसे दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। श्रमिकों के अभाव में किसान खुद की गन्ने की बुवाई और निराई कर रहा है। किसान इसलिए भी परेशान हैं कि उसे गन्ना भुगतान नहीं हो सका है जिससे वह श्रमिकों को भुगतान करने में असमर्थ है। कहा जाए तो इन दिनों अन्नदाता परेशानियों से घिरा हुआ है। गन्ना भुगतान के साथ-साथ गेहूं के दाम को लेकर भी किसान असमंजस में है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:59 AM (IST)
बाटम..25बिजसी3,4, श्रमिक बिना लाचार किसान झेल रहा परेशानी
बाटम..25बिजसी3,4, श्रमिक बिना लाचार किसान झेल रहा परेशानी

श्रमिक बिना लाचार किसान झेल रहा परेशानी

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बिजनौर, जेएनएन। कोरोना और लॉकडाउन के बीच मौसम की मार झेल चुका किसान वर्ग खासी परेशानी झेल रहा है। पहले गेहूं की कटाई में देरी हुई तो अब गन्ने की खेती करने में उसे दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। श्रमिकों के अभाव में किसान खुद की गन्ने की बुवाई और निराई कर रहा है। किसान इसलिए भी परेशान हैं कि उसे गन्ना भुगतान नहीं हो सका है, जिससे वह श्रमिकों को भुगतान करने में असमर्थ है। कहा जाए तो इन दिनों अन्नदाता परेशानियों से घिरा हुआ है। गन्ना भुगतान के साथ-साथ गेहूं के दाम को लेकर भी किसान असमंजस में है।

कोरोना के चलते लॉकडाउन जारी है। प्रवासी कामगार बड़ी संख्या में अपने घरों को लौट चुके हैं। इसका प्रभाव किसानों से बहुत पड़ा है। बिहार से भारी संख्या में श्रमिक यहां खेती के कार्य करने पहुंचते हैं, लेकिन उनके लौटने से किसान वर्ग परेशानी झेल रहा है। गेहूं की कटाई के बाद इन दिनों गन्ने की खेती में जुटा है। बुवाई के बाद अब निराई शुरू हो चुकी है, लेकिन उसके लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। किसान रामपाल सिंह ने बताया कि श्रमिक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। कुछ मिलते भी हैं तो मनमाना मेहनताना मांगते हैं, ऐसे में किसान मजबूर नजर आता है। मजबूरीवश किसान खुद व अपने परिवार के सहारे खेती कर रहा है। गन्ने की बुवाई के साथ-साथ खेतों में पांच से छह प्रतिशत गन्ना बचा हुआ है। उसकी कटाई भी तेजी से चल रही है। चांदपुर शुगर मिल आज बंद हो जाएगी, जबकि धामपुर, स्योहारा चल रही हैं।

भाकियू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि किसान की स्थिति बेहद कमजोर है। मई समाप्ति की ओर है और खेतों में गन्ना खड़ा हुआ है। भुगतान की स्थिति भी बेहद चौंकाने वाली है। कुछ मिलों ने 40 तो कुछ ने 30 प्रतिशत भुगतान ही किया है। जिससे किसान के सामने परेशानी है। पिछले दिनों गेहूं की फसल पर दैवीय आपदा आई। बेमौसम बारिश, आंधी व ओलावृष्टि से गेहूं को भारी नुकसान हुआ।

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बोले एसडीएम

एसडीएम घनश्याम वर्मा ने बताया कि गेहूं की खरीद अभी थोड़ी धीमी है। कोरोना और लॉकडाउन का असर भी कहा जा सकता है। आने वाले दिनों में खरीद में रफ्तार बढ़ने की संभावना है। वहीं, संबंधित कर्मचारियों को खरीद बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

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