रेलवे ट्रैक पर जलभराव, जोखिम उठा रहे राहगीर
जनपद बिजनौर में पिछले कुछ दिनों में करंट कई जिदगियां लील चुका है। बरसात में करंट फैलने की घटनाओं से किसी ने सबक नहीं लिया। अगर रेलवे भी नहीं चेता तो कितना बड़ा हादसा हो जाए कहा नहीं जा सकता। दरअसल वर्षा जलनिकासी अवरुद्ध होने पर कई जगह रेलवे ट्रैक पर भी पानी भर रहा है।
बिजनौर, जेएनएन। जनपद बिजनौर में पिछले कुछ दिनों में करंट कई जिदगियां लील चुका है। बरसात में करंट फैलने की घटनाओं से किसी ने सबक नहीं लिया। अगर रेलवे भी नहीं चेता, तो कितना बड़ा हादसा हो जाए, कहा नहीं जा सकता। दरअसल, वर्षा जलनिकासी अवरुद्ध होने पर कई जगह रेलवे ट्रैक पर भी पानी भर रहा है। आसपास आबादी होने के कारण ज्यादातर लोग शॉर्टकट देखते हुए रेलवे ट्रैक पर भरे पानी से गुजरने में समझदारी समझते हैं, उन्हें खतरे का जरा भी अंदाजा नहीं कि रेल ट्रैक के ऊपर से 25 हजार वोल्ट क्षमता की रेलवे उपस्कर विद्युत लाइन भी गुजर रही है।
नजीबाबाद में मालगोदाम, डबल फाटक फ्लाईओवर कोटद्वार रेलवे ब्रांच लाइन फ्लाईओवर, जलालाबाद फ्लाईओवर के नीचे से मुख्यत: आसपास के लोग रेलवे ट्रैक पार कर आवागमन करते हैं। इनमें कोटद्वार रेलवे ब्रांच लाइन फ्लाईओवर के नीचे काफी जलभराव होता है। बरसात में एकत्र हुआ पानी कई महीनों तक रेलवे ट्रैक पर जमा रहता है। इस जगह से मोहल्ला जाब्तागंज, पालोमल कालोनी, मुगलूशाह आदि क्षेत्रों के लोग शॉर्टकट देखते हुए रेल ट्रैक पार करते हैं। ट्रैक पर पानी भरे होने पर भी बेपरवाह नजर आते हैं। इतना ही नहीं पटरियों पर बैठकर कुछ लोग ट्रैक के किनारे गड्ढों में भरे पानी में मछलियां पकड़ते दिखते हैं। डबल फाटक फ्लाईओवर के नीचे भी कुछ पानी इकट्ठा होने पर भी राहगीर गुजरते रहते हैं। रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजर रही हाईपावर विद्युत लाइन से खतरे का जरा भी आभास नहीं होता। वहीं, हावड़ा-अमृतसर एवं जम्मूतवी-सियालदाह रेल मार्ग पर रेलवे क्रॉसिग 482 क्षेत्र में पानी का जमावड़ा हो गया है। कुछ महीने पहले ही रेल ट्रैक का नवीनीकरण किया गया था। पानी का ऐसे ही जमावड़ा रहा, तो रेल ट्रैक को नुकसान होने की भी आशंका बढ़ जाएगी।