फिर सिलारा तालाब में उफान, डूबी फसलें
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की अनदेखी एक बार फिर बागवानी करने वाले लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। स्थानीय सिलारा तालाब का जलस्तर बढ़ने से घरों में पानी घुसने की समस्या से लोग परेशान हैं।
चांदपुर (बिजनौर): जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की अनदेखी एक बार फिर बागवानी करने वाले लोगों पर भारी पड़ गई। नगर के सिलारा तालाब की निकासी बंद होने से बारिश के बाद कालोनी में बाढ़ जैसी स्थिति नजर आ रही है। तालाब के ऊफनने से आसपास के कई मकान पानी की जद में हैं तो कई बीघा सब्जियों की फसल भी नष्ट हो गई है। इससे गुस्साए लोगों ने पालिका में धरना प्रदर्शन करते हुए पानी की निकासी कराने की मांग की। ईओ के आश्वासन पर उनका धरना समाप्त हुआ।
मोहल्ला काजीजादगान में वर्षों पुराना सिलारा तालाब है। शहर की जल निकासी तालाब से होकर गुजरती है। पिछले कुछ वर्षों में अवैध कब्जों के चलते तालाब की सीमा भी घट समित हो गई। हर बार बरसात से पूर्व यह मुद्दा उठता है, लेकिन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। तालाब के आसपास सैकड़ों मकान व बागवानी करने वालों की कई बीघा जमीन है। मौजूदा समय में करीब 80 से 100 बीघा खेती में शलजम, प्याज, चना, मेथी, मूली, तोरी आदि की फसल खड़ी थी। सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद स्थिति बाढ़ जैसी हो गई। रोहताश ¨सह, रामप्रसाद, जितेंद्र, सुभाष, प्रकाश, प्रेम व राम अवतार आदि के मकान पानी की जद में आ गए। साथ ही निर्देश, नीतू, नीरज, बलराम ¨सह, विजय, रामपाल ¨सह, रतिराम, बरम ¨सह, पीतम ¨सह, रामू, रोहताश ¨सह, महिपाल ¨सह आदि की सब्जी की फसल डूब कर नष्ट हो गई। ऐसे में लोगों को मजबूरीवश पानी में डूबी सब्जी को तोड़ना पड़ा। फसल डूबने से गुस्साए लोग नगरपालिका पहुंचे और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि हर वर्ष अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के समक्ष मुद्दे को रखा जाता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। गुस्साए लोगों व महिलाओं ने ईओ शिवराज ¨सह का घेराव भी किया। हालांकि, बाद में ईओ के आश्वासन पर लोग शांत हुए और धरना समाप्त कर दिया।