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निडरता और सावधानी बरतकर कोरोना से जीती जंग

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अधिकांश लोग ऐसे हैं जो असावधानी के कारण इसकी चपेट में आ गए। कुछ लोग तो कोरोना से जंग भी हार गए थे। उन्हें देखकर अन्य लोगों में भी भय व्याप्त हो गया था लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कोरोना से जंग हारे चुके लोगों के मामलों से सीख लेते हुए निडरता और सावधानी के साथ जीत हासिल की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 07:06 PM (IST)
निडरता और सावधानी बरतकर कोरोना से जीती जंग
निडरता और सावधानी बरतकर कोरोना से जीती जंग

जेएनएन, बिजनौर। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो असावधानी के कारण इसकी चपेट में आ गए। कुछ लोग तो कोरोना से जंग भी हार गए थे। उन्हें देखकर अन्य लोगों में भी भय व्याप्त हो गया था, लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कोरोना से जंग हारे चुके लोगों के मामलों से सीख लेते हुए निडरता और सावधानी के साथ जीत हासिल की।

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धामपुर के मोहल्ला बाड़वान निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति इसी का उदाहरण हैं। कंफेक्शनरी की दुकान करने वाले इस व्यक्ति ने बताया कि वह जुलाई माह में इसकी चपेट में आ गए थे। उन्होंने बताया कि इस गलती का अहसास उन्हें बाद में हुआ। लाकडाउन के दौरान कड़े निर्देशों के बावजूद उन्होंने सावधानी नहीं बरती और मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग फिजूल मानते हुए आम दिनों की तरह घर से निकलते रहे, लेकिन ग्राहकों के संपर्क में आकर कुछ दिन बाद ही उनकी तबीयत खराब हो गई। बाड़वान निवासी व्यापारी बताया कि उनकी रिश्तेदारी में भी एक महिला कोरोना की चपेट में आ गईं थी, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वह कोरोना से जंग हार गई और उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि इस बात ने उन्हें और पूरे परिवार को बुरी तरह डरा दिया। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वे समझ नहीं पाए कि अब क्या हेागा। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें होमक्वारंटान किया और दवाइयों सहित आवश्यक निर्देश दिए। व्यापारी बताते हैं कि पूरा परिवार रिश्तेदार महिला की मृत्यु से डरा हुआ था। ऐसे में उन्होंने स्वयं परिवार को समझाया और सावधानी बरतने को कहा। व्यापारी ने होम क्वारंटाइन रहते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग और व्यायाम का सहारा लिया। साथ ही इसके बारे में जानकारी जुटाते हुए कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों का भी प्रयोग किया। अपने परिचित डाक्टरों से भी इस बारे में सलाह ली और गर्म पानी का नियमित रूप से प्रयोग करते रहे। व्यापारी बताते हैं कि परिवार के सहयोग से उन्होंने निडरता के साथ हिम्मत नहीं हारी और एक महीने में पूरी तरह स्वस्थ होकर कोरोना से लड़ाई में जीत हासिल की।


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