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अनोखा प्रकृति प्रेम, घर को बना दिया मिनी गार्डन

पेड़-पौधे पर्यावरण के रक्षक होने के साथ हमें आक्सीजन देते हैं। पेड़-पौधों के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा माना जाता है। इसलिए लोगों को पेड़-पौधों लगाने के लिए आगे आना चाहिए। ये वायु प्रदूषण के साथ शुद्ध वातावरण देते हैं। वहीं घर पर पेड़-पौधे लगाने से सजावट बढ़ती है और खुशबू आती है। इन्हीं संदेशों से प्रेरित होकर सभासद ने अपने मकान को मिनी गार्डन में तब्दील कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 10:32 AM (IST)
अनोखा प्रकृति प्रेम, घर को बना दिया मिनी गार्डन
अनोखा प्रकृति प्रेम, घर को बना दिया मिनी गार्डन

जेएनएन, बिजनौर। पेड़-पौधे पर्यावरण के रक्षक होने के साथ हमें आक्सीजन देते हैं। पेड़-पौधों के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा माना जाता है। इसलिए लोगों को पेड़-पौधों लगाने के लिए आगे आना चाहिए। ये वायु प्रदूषण के साथ शुद्ध वातावरण देते हैं। वहीं घर पर पेड़-पौधे लगाने से सजावट बढ़ती है और खुशबू आती है। इन्हीं संदेशों से प्रेरित होकर सभासद ने अपने मकान को मिनी गार्डन में तब्दील कर लिया है।

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नूरपुर के मोहल्ला कबीर नगर निवासी सभासद प्राची गुप्ता ने भी पेड़-पौधे लगाकर घर को हरा-भरा बना दिया है। वह बताती हैं कि उन्होंने घर पर आक्सीजन देने वाले पौधों के साथ-साथ फल-फूल, जड़ी-बूटी के लगभग 100 पौधे लगाए हुए हैं। इनसे प्रदूषण रहित शुद्ध हवा प्राप्त हो रही है व मन को शांति मिल रही है। इसलिए सभी को अपने घर पर एक-एक पौधा जरूर लगाना चाहिए, ताकि अपने घर का वातावरण अच्छा रहे। उन्होंने अपने घर पर फलदार व फूलदार सबसे ज्यादा पौधे लगाए हुए हैं। घर में किन्नू, चीकू, आम व इलायची के अलावा सदाबहार, गेंदा, स्नेक प्लांट, संसबेरिया, एलोवेरा, गुलाब, गेंदा, डहेलिया, पत्थर चट्टा, गिलोय, काला बासा, सदाबहार कनेर, नींबू, कटहल, गुलदाऊदी, गुलमोहर के गुलाब, बोतल पाम के पौधे सजावट दे रहे हैं। वहीं घर की छत व बालकनी में गमले रखकर औषधीय पौधे तुलसी, हींग, हार सिगार, अर्जुन, कढ़ी पत्ता के पौधे लगाए हैं। पौधों से है बच्चों की तरह प्यार

प्राची गुप्ता बताती है कि पौधों से बच्चों की तरह प्यार हो गया है। सुबह व शाम को एक घंटा पौधों की देखभाल के लिए हमेशा निकालती हैं। उनके पति प्रणय मनु गुप्ता भी इस काम में साथ देते हैं। जैविक सब्जियों को भी घर पर तैयार कर रही हैं। वहीं, प्राची आसपास के 20 घरों में गिलोय की बेल लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं सभी घरों में रोजाना जाकर गिलोय की बेल की देखभाल करती हैं। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर भी बरगद, नीम, पीपल, शहतूत के पौधे लगाए हुए हैं।


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