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    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर खेतों में दिखाई दिया बाघ...थर्मल ड्रोन में हुआ कैैद

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 02:09 PM (IST)

    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास खेतों में एक बाघ दिखाई देने से इलाके में दहशत फैल गई। थर्मल ड्रोन से बाघ को कैद किया गया। वन विभाग बाघ को जंगल में वापस भेजने की कोशिश कर रहा है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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    जागरण संवाददाता, बिजनौर। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर खेतों में दिखाई दे रहा बाघ सोमवार रात थर्मल ड्रोन में मरे हुए पशु को खाता हुआ दिखाई दिया। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि वह अभी पूरी तरह व्यस्क नहीं है और अपनी टेरेटरी नहीं बना पा रहा है। इसलिए वह खेतों में आसान शिकार की तलाश में आ गया है। उसे ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। बाद में वन में ऐसे स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां पर वह अपनी टेरेटरी बना सके।

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    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर गांव मच्छमार और मोहम्मदपुर राजौरी के बीच पीली नदी के आसपास बीते कुछ दिन से बाघ दिखाई दे रहा है। बाघ ने तीन दिन पहले एक खेतों में एक पशु को मारकर खाया था। आमतौर पर कभी कभी बाघ वन के बाहर आ जाते हैं और कुछ देर में चले जाते हैं। बाघ के बाहर आने पर वन विभाग के कर्मचारियों ने उसकी निगरानी शुरू कर दी।

    दो दिन तो बाघ नहीं दिखाई दिया, लेकिन सोमवार रात वन विभाग के थर्मल ड्रोन में कैमरे में बाघ गांव के बाहर एक मरे हुए पशु को खाता दिखाई दिया। जहां बाघ दिखाई दिया, वहां पर किसान अपने मरे हुए पशु डालते हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ के व्यवहार को भी देखा। बाघ नर है और लगभग तीन वर्ष का है। उसके व्यवहार से अनुमान लगाया जा रहा है कि वह हाल ही में अपनी मां से अलग हुआ है।

    मां से अलग होने के बाद उसे अपनी टेरेटरी खुद बनानी है। इसमें उसे कामयाबी नहीं मिल रही है। शायद जिस इलाके में वह रह रहा था वहां पर पहले ही कोई शक्तिशाली बाघ है। वह अपनी टेरेटरी नहीं बना पा रहा है और खेतों में ही घूम रहा है। अगर बाघ ने खेतों को ही अपनी टेरेटरी मान लिया तो बड़ी समस्या बन जाएगी। इसलिए वन विभाग ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए शासन से अनुमति भी मिल गई है।

    वन में टेरेटरी नहीं बना पा रहा है बाघ
    बाघ वन में टेरेटरी नहीं बना पा रहा है। खेतों में अपनी सुरक्षा और शिकार की वजह से आ रहा है। इसे ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। किसानों को सतर्क किया गया है। वन विभाग की टीम इलाके में दिन रात तैनात है।
    पीपी सिंह, मुख्य वन संरक्षक- बरेली जोन