तीन वैरायटी का धान खरीदने से किया इंकार, रोष
धान क्रय केंद्र से कुछ किसान धान से भरी ट्रैक्टर-ट्राली वापस ले गए। किसानों ने धान क्रय केंद्र संचालकों पर किसानों को परेशान करने और कई दिन चक्कर लगवाने के बाद तीन प्रजातियों का धान खरीदने से दो टूक इंकार करने का आरोप लगाया। किसानों ने प्रशासन से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा कि इस तरह किसानों का शोषण जारी रहा तो आंदोलनात्मक कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
जेएनएन, बिजनौर। धान क्रय केंद्र से कुछ किसान धान से भरी ट्रैक्टर-ट्राली वापस ले गए। किसानों ने धान क्रय केंद्र संचालकों पर किसानों को परेशान करने और कई दिन चक्कर लगवाने के बाद तीन प्रजातियों का धान खरीदने से दो टूक इंकार करने का आरोप लगाया। किसानों ने प्रशासन से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा कि इस तरह किसानों का शोषण जारी रहा तो आंदोलनात्मक कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
नजीबाबाद स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति में धान क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि सुविधाजनक तरीके से धान की खरीद नहीं की जा रही है। उन्हें कई-कई दिन तक धान से भरे वाहन खड़े कर उनकी रखवाली करने पर विवश होना पड़ता है। गुलालवाली के किसान संदीप सिंह ने कहा कि उनकी धान से भरी ट्रै्क्टर-ट्राली करीब एक महीने से मंडी परिसर में खड़ी थी। धान क्रय केंद्र संचालकों ने उनका धान खरीदने से मना कर दिया। पूछने पर उन्हें बताया गया कि धान की पीआर-14, पीआर-26 और पीआर-21 वैरायटी नहीं खरीदी जाएगी।
संदीप सिंह ने केंद्र संचालकों की मनमानी पर रोष व्यक्त किया। किसानों का कहना है कि तीन वैरायटी का धान नहीं लेने के संबंध में पहले किसानों को नहीं बताया गया। उन्होंने मामले से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराने और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलनात्मक कदम उठाने की बात कही। संदीप सिंह ने बताया कि मंडी समिति से ट्रैक्टर-ट्राली में भरा धान वापस लेने जाने वाले वह अकेले किसान नहीं हैं। उनके साथ गुलालवाली के किसान दलबीर सिंह, खजान सिंह, बड़िया के किसान जगदीश सिंह, रुद्रपुर के किसान करनैल, जगनवाला के किसान मोहन सिंह समेत जट्टीवाला और बिजौरी के किसान भी शामिल हैं। कई-कई दिन से भरी खड़ीं धान की दर्जनभर से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली दो दिन में वापस लौट गईं।
-इनका कहना है
किसानों से खरीदा जाने वाला धान रखने के लिए पर्याप्त एवं उचित स्थान नहीं है। वहीं, चावल मिल संचालकों ने धान खरीदने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही मीटिग में यह तय पाया है कि बारीक धान की खरीद नहीं की जाएगी। पीआर-14, पीआर-21, पीआर-26 बारीक धान होने के चलते किसानों को लौटाया गया है।
-बाल सिंह, केंद्र संचालक एसएफसी नजीबाबाद।