बच्ची पर कुत्तों का हमला, खींचकर जंगल में ले गए
जेएनएन बिजनौर। घर के बाहर खेल रही बच्ची को कुत्तों का झुंड जंगल में खींचकर ले गया। शो
जेएनएन, बिजनौर। घर के बाहर खेल रही बच्ची को कुत्तों का झुंड जंगल में खींचकर ले गया। शोरशराबा होने पर मोहल्ले के लोगों ने कुत्तों से बच्ची को छुड़ाया।
रविवार सुबह करीब आठ बजे मोहल्ला अंसारियान निवासी इकराम की चार वर्षीय पुत्री आफसा उर्फ सना अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी अचानक एक दर्जन से ज्यादा कुत्तों के झुंड ने बच्ची पर हमला कर दिया और उसे जंगल की तरफ खींचकर ले गए। उस समय कोहरे के कारण मोहल्लेवासी घरों में ही थे। बच्ची द्वारा शोर मचाने पर मोहल्लेवासी सिकंदर, रईस, राकिब, दानिश, सनाउलहक, अमीनुद्दीन एवं शकील अहमद आदि जंगल में भागकर गए। उन्होंने कुत्तों के झुंड से बच्ची को बचाने का प्रयास किया, लेकिन कुत्तों ने मोहल्लेवासियों पर भी हमला करने का प्रयास किया। लोगों ने प्रयास कर बामुश्किल बच्ची को बचाया, लेकिन तब तक बच्ची काफी घायल हो गई थी। स्वजन एवं अन्य लोग घायल बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन वहां पर एंटी रेबीज वेक्सीन नहीं होने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी ईश्वरानंद ने घायल बच्ची को प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है।
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं है एंटी रेबीज वेक्सीन
प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.ईश्वरानंद ने बताया कि गत एक माह से भी ज्यादा समय से एंटी रेबीज वेक्सीन नहीं है। वे मरीज को टिटनेस का टीका लगाकर तथा पट्टी कर बिजनौर रैफर कर देते हैं। प्रतिदिन लगभग 15 से 20 मरीज कुत्ते तथा बंदर द्वारा काटने के आ रहे हैं। गौरतलब है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को या तो बाजार से महंगा इंजेक्शन खरीदकर लगवाना पडता हैं या फिर बिजनौर जिला अस्पताल जाना पड़ता है।
कई मोहल्ले के लोग कुत्तों तथा सुअर से परेशान
जामा मस्जिद, लाल कुआं, अंसारियान, शीशग्रान, महाजनान आदि मोहल्लो में सुबह से ही आवारा जानवर घमूते रहते हैं। ये अक्सर हमलावर हो जाते हैं। सुलेमान अंसारी, शमीम अंसारी, मुकेश गोयल आदि गणमान्य लोग नगरपालिका से आवारा जानवरों को पकड़वाने की मांग कर चुके हैं। नगरपालिका के अधीशासी अधिकारी हरिलाल पटेल ने बताया कि समय समय पर कुत्तों तथा बंदरो को पालिका द्वारा पकड़वाकर जंगल में छुडवाया जाता रहा है। जल्दी ही अभियान फिर शुरू कराएंगे।
राहगीरों पर हमला कर रहे हैं कुत्तों के झुंड
जेएनएन, बिजनौर। क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आवारा कुत्तों के झुंड सड़कों पर मंडराने से लोगों का मार्ग से गुजरना मुश्किल हो चुका है। पिछले कुछ दिनों में कुत्ते राहगीरों को काटकर घायल कर चुके हैं। दूसरी ओर अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण भी लोगों को मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। अभी हाल ही में रेबीज के कारण मौत भी हो चुकी है।
आवारा कुत्तों ने नगर के मोहल्ला श्यामली में 18 वर्षीय अंकुश वर्मा पुत्र सुनील वर्मा और मोहल्ला मुक्तेश्वर महादेव में 20 वर्षीय मनु शर्मा पुत्र संजय शर्मा पर हमला कर उन्हें काटकर घायल कर दिया। कुत्तों के आक्रामक होने और राहगीरों पर हमला करने से क्षेत्र में दहशत फैल गई। दोनों घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के तौर पर एंटी रेबीज वेक्सीन नहीं मिली। काफी भटकने के बाद मायूस होकर उन्हें बाजार से निजी स्तर पर काफी महंगी एंटी रेबीज वेक्सीन (एआरवी) लेनी पड़ी। वेक्सीन लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे युवक अंकुश ने रेबीज से बचाव के लिए इंजेक्शन लगवाया।
मोहल्ला श्यामली, मुक्तेश्वर महादेव के अलावा संतोमालन, रम्पुरा, मकबरा, एमडीकेवी रोड, तहसील रोड, सुभाष नगर और आदर्शनगर की घनी आबादी में आवारा कुत्ते आतंक का पर्याय बने हैं। झुंड के रूप में रहने वाले आवारा कुत्ते काफी आक्रामक हो चुके हैं और किसी भी समय राहगीरों पर झपट पड़ते हैं और साइकिल एवं बाइक से गुजरने वालों के पीछे दौड़ते हैं। क्षेत्रवासियों रणजीत सिंह, अभिजीत वशिष्ठ, अमित द्विवेदी, नीलकमल माहेश्वरी, योगेश कुमार, पवन अग्रवाल आदि नागरिकों ने राहगीरों खासकर वृद्धजन, महिलाओं और बच्चों के लिए खतरा बनकर सड़क पर मंडरा रहे आवारा कुत्तों के झुंड से निजात दिलाने की प्रशासन से मांग की है। लोगों का कहना है कि पिछले काफी समय से इस समस्या से नगरपालिका परिषद और प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है, लेकिन न तो इन कुत्तों को पकड़कर दूरस्थ जंगल क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा जा रहा है और न ही एंटी रेबीज वेक्सीन अस्पतालों पर उपलब्ध कराई जा रही है।