रावण का पुतला नहीं फुंका़ तो मेला भी रहा फीका
नजीबाबाद में दशहरा पर्व पर कोरोना वायरस के चलते इस बार रामलीला मैदान पर रावण का पुतला दहन नहीं किया गया तो मेला का रंग भी फीका रहा। हालांकि रामलीला मैदान के आसपास खेल-खिलौने आदि दुकानें तो लगी लेकिन श्रद्धालु अपेक्षाकृत बहुत कम पहुंचे। मेले में खरीदारी नहीं होने से दुकानदार के चेहरे मुरझाए रहे।
बिजनौर, जेएनएन। नजीबाबाद में दशहरा पर्व पर कोरोना वायरस के चलते इस बार रामलीला मैदान पर रावण का पुतला दहन नहीं किया गया, तो मेला का रंग भी फीका रहा। हालांकि रामलीला मैदान के आसपास खेल-खिलौने आदि दुकानें तो लगी, लेकिन श्रद्धालु अपेक्षाकृत बहुत कम पहुंचे। मेले में खरीदारी नहीं होने से दुकानदार के चेहरे मुरझाए रहे।
विजय दशमी पर्व पर नगर में कई दशकों से दशहरा मेला लगता आया है। रामलीला मैदान पर विशालकाय रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों को देखने के लिए नगर ही नहीं बल्कि दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। भगवान श्रीराम की सेना और रावण की सेना के बीच युद्ध की झांकियां दर्शकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहीं है। प्रभु श्रीराम द्वारा अधर्मी रावण के पुतले को आग के हवाले करना और रावण के पुतले का धूं-धूं जलता देखकर श्रद्धालु जय श्री राम के जयकारों से वातावरण गूंज उठता। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते रावण का पुतला नहीं जलाया गया। दर्शकों के नहीं आने से रामलीला मैदान भी सूना नजर आया। हालांकि रामलीला मैदान के आसपास के क्षेत्र में खेल-खिलौने आदि की दुकानें लगी। दुकानों के लगने से मेले का माहौल नजर आया। लेकिन रामलीला कमेटी द्वारा मेला का आयोजन नहीं होने से श्रद्धालु अपेक्षाकृत बहुत कम पहुंचे। श्रद्धालुओं के नहीं पहुंचने से दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे।