हिदी के अनुकूल तकनीकी, विकास में बढ़ानी होगी दिलचस्पी
बिजनौर जेएनएन। आज विश्व हिन्दी दिवस है दुनिया में हिदी के प्रचार-प्रसार के लिए दस जनवरी 1975
बिजनौर, जेएनएन। आज विश्व हिन्दी दिवस है, दुनिया में हिदी के प्रचार-प्रसार के लिए दस जनवरी 1975 को 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने नागपुर में मिलकर विश्व हिदी दिवस मनाया था, किन्तु 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया था, क्योंकि भारत में 70 करोड़ से अधिक लोग हिदी समझते बोलते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ाना हर भारतीय का मूल एजेंडा होना ही चाहिए।
माउंट लिट्रा जी स्कूल बिजनौर के प्रधानाचार्य अनुपम शर्मा का कहना है कि हिदी के उत्थान के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी शब्दावली आयोग का पुनर्गठन किया जाना चाहिए और शब्दों के मामले में प्रचलित शब्दों को स्वीकारने की नीति अपनाने की आवश्यकता है। सरकारी तंत्र को सभी दस्तावेज, वेबसाइटों का सहज हिदी में अनुवाद अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। देश में इंटरनेट पर 20 प्रतिशत लोग हिदी में सामग्री खोजते हैं, जिस सामग्री का अत्यंत अभाव है। सरकार निजी प्रयासों व संरक्षण के साथ अपने संसाधनों से सभी विषयों को हिदी में सामग्री तैयार करवा कर इंटरनेट पर युद्धस्तर पर अपलोड कराये। हिदी शब्दों की वर्तनी से जुड़ी विसंगतियों को दूर किया जाना आवश्यक है, क्योंकि हिदी में कई शब्द ऐसे हैं जिन्हें कई तरह से लिखा जाता है। विद्वानों द्वारा एकीकरण करके शंकाएं दूर हो, जिससे लोगों को हिदी लेखन में सुविधा हो सकें और सहज रूप से स्वीकार्य हो सकें। साथ ही हिदी के अनुकूल तकनीकी में, विकास में दिलचस्पी बढ़ानी होगी तथा उसे सरकारी सभी संस्थाओं के साथ साथ निजी क्षेत्रों में भी प्रोत्साहन देना पड़ेगा, साथ ही उक्त सभी प्रावधानों द्वारा ही हिदी को रोजगार परक भी बनाया जा सकता है। परन्तु उपर्युक्त सभी प्रावधानों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हिदी भाषा व हिदी साहित्य को 10 वीं की जगह 12 वीं कक्षा तक अनिवार्य किया जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि उक्त सभी प्रावधानों के लिए कुशल व्यावसायिक संसाधनों को उपलब्ध कराया जा सकें। आज का •ामाना कम्प्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट फोन और इंटरनेट का है। हम कागज की जगह की-बोर्ड पर लिखते हैं। अत: आज विद्यालय स्तर से ही हिदी टाइपिग में भी दक्ष व्यवसायिक प्रशिक्षण की परम आवश्यकता है। आइए आज हिदी दिवस के अवसर पर हम सभी यह प्रण करें, कि अपनी मातृभाषा को समृद्ध, रोजगार परक बनाने की एवं हिदी भाषा के उत्थान का हर संभव प्रयास के लिए एकजुट होकर धरातल पर काम करने की आवश्यकता है।