सीएम के बोल को गन्ना किसानों ने बताया मखौल
बिजनौर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बागपत में गन्ने को लेकर दिए गए बयान से किसानों में नाराजग
बिजनौर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बागपत में गन्ने को लेकर दिए गए बयान से किसानों में नाराजगी है। उन्होंने इस बयान को मखौल उड़ाने वाला और बेतुका बताया है। साथ ही कहा कि सरकार चीनी का प्रबंधन करने के बजाय किसानों को नसीहत देने में जुटी है। किसानों को सुझाव देने के बजाय सरकार को उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
बागपत में आयोजित जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को कम गन्ना बोने की नसीहत दी है। किसान इस बयान की ¨नदा कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दिगंबर ¨सह का कहना है कि यह बेतुका बयान है। उन्होंने कहा कि किसान तो गन्ने को पूरी तरह खत्म कर देंगे लेकिन सरकार प्रति बीघा गन्ने की दाम के हिसाब से किसानों को धनराशि देती रही। सरकार को चीनी की व्यवस्था करनी चाहिए। सामान्य रूप से खाने में 20 से 30 प्रतिशत चीनी ही खर्च होती है जबकि 70 से 80 प्रतिशत तक चीनी उद्योगों में प्रयोग होती है। सरकार उद्योगों के लिए चीनी के लिए पालिसी तैयार करे। कृषि नीति बनाने के बजाय मुख्यमंत्री बेतुका बयान दे रहे हैं।
आजाद किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र ¨सह का कहना है कि किसानों को तो हर कोई सलाह देने वाला है। किसान को गन्ना बोने से फायदा है तो वह गन्ना ही बोएगा। किसी उद्योगपति को कभी यह कहा गया कि वह एक कारखाना न लगाए। उद्योगपति पहले एक शुगर मिल लगाता है और फिर दूसरी लगाता है। उसे फायदा होता है तभी तो वह ऐसा करता है। क्या उन्हें भी दूसरी फैक्ट्री नहीं लगाने की सलाह दी जाती है। फिर किसान को क्यों गन्ना नहीं बोने की सलाह दी जा रही है।