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कोई कहे गो¨बद, कोई कहे गोपाला..

नजीबाबाद (बिजनौर): कान्हा तेरे कई नाम.., कोई कहे गो¨बद, कोई कहे गोपाला.. सरीखी अमृतमयी वाणी सुनकर श्रद्धालुओं का मन अश्रुवर्षा से भीग गया। प्रभु श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान सुनकर श्रद्धालु मस्ती में झूम उठे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:09 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 09:09 PM (IST)
कोई कहे गो¨बद, कोई कहे गोपाला..
कोई कहे गो¨बद, कोई कहे गोपाला..

नजीबाबाद (बिजनौर): कान्हा तेरे कई नाम.., कोई कहे गो¨बद, कोई कहे गोपाला.. सरीखी अमृतमयी वाणी सुनकर श्रद्धालुओं का मन अश्रुवर्षा से भीग गया। प्रभु श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान सुनकर श्रद्धालु मस्ती में झूम उठे।

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पंडित शिवप्रकाश कंडवाल की ओर से नामदेव धर्मशाला में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथाव्यास आचार्य जेपी भारद्वाज ने कहा कि ईश्वर के नाम और रूप अनेक हैं, लेकिन ईश्वर को पाने का मार्ग एक ही है। वह है मानवता, परोपकार, साधना, भक्ति और श्रेष्ठ कर्म। पांच तत्वों से बना मानव शरीर जब इन पांचों आभूषणों को धारण कर लेता है, तो वह ईश्वर द्वारा रची सृष्टि की श्रेष्ठ कृति कहलाता है।

भगवान श्रीकृष्ण अवतार की लीला का वर्णन करते हुए कथाव्यास ने रासलीला, गोवर्धन पूजा एवं कालिया नाग के मर्दन के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर के उपदेशों के कण मात्र को भी हम अपने जीवन में धारण कर लें, तो जीवन को संवारा और सफल किया जा सकता है। आयोजन में पंडित कंडवाल, पंडित विनोद जोशी, यजमान, संजीव अग्रवाल, आत्माराम, राजकुमार, जयप्रकाश जौली, राधेश्याम, सुरेश टांक, सोनल अग्रवाल, मंजू शर्मा सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे। जयप्रकाश जौली ने बताया कि कथा के समापन पर 14 फरवरी को भंडारे का आयोजन होगा।


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