बालकंठ में फूंक रहीं देववाणी के मंत्र
धामपुर (बिजनौर): संस्कृत देववाणी है। वेद और उपनिषद से लेकर तमाम प्राचीन ग्रंथों का खजाना इसी
धामपुर (बिजनौर): संस्कृत देववाणी है। वेद और उपनिषद से लेकर तमाम प्राचीन ग्रंथों का खजाना इसी भाषा में है। इसके बावजूद यात्रा में कई पड़ाव से गुजरने के बाद संस्कृत किनारे होती जा रही है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तो बच्चे इस भाषा को लगभग भूल ही चुके हैं। देवभाषा को संकट से उबारने में जुटे चंद लोगों में से आरएसएम डिग्री कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. पूनम घई भी हैं। अपने कालेज में शिक्षण से इतर वह स्कूल-कालेजों में जाकर छात्र, छात्राओं को संस्कृत से जुड़ने को प्रेरित करती हैं। साथ ही कुछ बच्चों को नियमित रूप से संस्कृत की शिक्षा भी देती हैं ताकि देववाणी को मुकम्मल प्रवाह मिल सके।
चिंता के साथ प्रयास भी
डा. पूनम कहती हैं, संस्कृत के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान लगातार कम हो रहा है। यह विषय पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी घट रही है। मुख्य वजह इस भाषा के प्रति जागरूकता न होना मानती हैं। वह कहती हैं कि संस्कृत समृद्ध और वैज्ञानिक भाषा है, लिहाजा इसका व्यवहार में बने रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए वह स्कूल-कालेजों में जाकर छात्र-छात्राओंको संस्कृत के प्रति जागरूक और इसे अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। संस्कृत से जुड़ी उनकी जिज्ञासा शांत करती हैं। प्रधानाचार्य और शिक्षकों से भी विद्यार्थियों को संस्कृत के प्रति जागरूक करने की अपील करती हैं। इसके अलावा 15 विद्यार्थियों को नियमित रूप से संस्कृत की शिक्षा देती हैं।
गरीब बच्चों के लिए जला रहीं शिक्षा की लौ
इसके साथ-साथ डा. पूनम पांच साल से गरीब बच्चों के लिए शिक्षा की लौ जला रही हैं। उन्होंने करीब आधा दर्जन ऐसे निर्धन बच्चों को इंटर व डिग्री कालेजों में प्रवेश दिलाया है, जो फीस भरने में अक्षम थे। कई बच्चों की फीस अपने वेतन से भर देती हैं। कालेज में पढ़ाने के बाद वह कुछ बच्चों को अलग से नि:शुल्क पढ़ाती भी हैं। मूलरूप से लखनऊ निवासी पूनम कहती हैं, सामाजिक कार्यों की प्रेरणा उन्हें अपने पिता डा. केके घई से मिली है। वह लखनऊ में अपना अस्पताल चलाते हैं। उनकी मां सुशीला घई भी एमए पीएचडी हैं।
प्रोफाइल..
नाम : डा. सुशीला घई (53 वर्ष)
कार्यरत : एसोसिएट प्रोफेसर (संस्कृत) आरएसएम डिग्री कालेज धामपुर
कार्यकाल : करीब 20 वर्ष
शिक्षा : एमए संस्कृत, पीएचडी
मूल निवास : इंदिरा नगर लखनऊ
वर्तमान निवास : टीचर्स कालोनी धामपुर।