लक्ष्य भेदती आकांक्षा! बैसाखी नहीं, लगन की बंदूक
गिरिराज सिंह, बिजनौर। तू पंख ले-ले, मुझे सिर्फ हौसला दे दे। फिर आधियों को मेरा नाम-ओ
गिरिराज सिंह, बिजनौर।
तू पंख ले-ले, मुझे सिर्फ हौसला दे दे।
फिर आधियों को मेरा नाम-ओ-पता दे-दे।
हौसले की रहनुमाई करता यह शेर मानो आकाक्षा के लिए लिखा गया हो। छोटी उम्र में एक पैर गंवा देने वाली बिटिया ने निराशा की जगह उम्मीदों का दामन थामा। बंदूक को बैसाखी बना लक्ष्य को भेदने की ठान ली। निशानेबाजी के खेल में पदकों की झड़ी लगाने वाली आकाक्षा की निगाह अब ओलंपिक पदक पर है। बैसाखी को लगन की बंदूक बनाने वाली इस बेटी की यह कोशिश न सिर्फ काबिल-ए-तारीफ बल्कि दूसरों के लिए नसीहत भी है।
हादसे के बाद शुरू हुआ संघर्ष :
बिजनौर, उप्र के गाव स्वाहेड़ी निवासी आकाक्षा साल 2008 में कक्षा सात की छात्रा थीं। ट्रेन की चपेट में आने से उसका बाया पैर कट गया। निराशा हुई, लेकिन परिवार ने हौसला दिया तो पढ़ाई जारी रखते हुए स्नातक किया। 2016 में जिला रायफल एसोसिएशन के अध्यक्ष खान जफर सुल्तान के निर्देशन में निशानेबाजी के गुर सीखे। एक पैर नहीं होने के कारण वह टेबल पर बैठकर निशाना साधती हैं। फिलहाल दिल्ली में रहकर वह डॉ. करणी सिह शूटिंग रेंज में ओलंपिक की तैयारी में जुटी हुई हैं।
हर कदम पर रहा भाइयों का साथ :
10 मीटर एयर रायफल शूटिंग में निपुण आकाक्षा पाच भाई-बहनों में सबसे छोटी है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। बड़ा भाई रोहित चौधरी खेती करता है जबकि छोटा भाई मोहित चौधरी आर्मी में पैरा कमाडो है। पिता अर्जुन सिंह की 2015 में कैंसर से मौत हो गई थी। पिता की याद में भाइयों की मदद से तीन लाख रुपये खर्च कर घर में ही शूटिंग रेंज बनाई।
सीएम योगी ने भी की सहायता :
पिछले दिनों आकाक्षा उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली थीं। उनके आदेश पर जिला प्रशासन ने उन्हें बेहतर रायफल खरीदने के लिए दो लाख रुपये का चेक दिया। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तब एक लाख रुपये की मदद की थी। आकांक्षा ने अब 2.35 लाख रुपये की रायफल खरीदी है। इससे पहले उनके भाइयों ने उन्हें दो लाख रुपये की एयर गन खरीदकर दी थी, जिससे निशानेबाजी सीखी।
ये हैं उपलब्धिया :
-तीसरी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप, 39वीं स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप, 26वीं आल इंडिया जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल विजेता हैं।
-60वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप-16, कुमार सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप-17, 61वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप व 18वीं सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप-18 में सिल्वर मेडल जीते।