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नीलाम होगी नगीना सहकारी कताई मिल

बिजनौर जेएनएन। सरकार के फैसले के बाद नगीना सहकारी कताई मिल का नीलाम होना तय है। सरक

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:08 AM (IST)
नीलाम होगी नगीना सहकारी कताई मिल
नीलाम होगी नगीना सहकारी कताई मिल

बिजनौर, जेएनएन। सरकार के फैसले के बाद नगीना सहकारी कताई मिल का नीलाम होना तय है। सरकार के तीन करोड़ की देनदारी का भुगतान कराए जाने और श्रमिकों को अन्य मिलों में समायोजित करने के ऐलान के बाद नगीना सहकारी कताई मिल के श्रमिक में रोजगार मिलने की आस जगी है। वहीं बकाया भुगतान मिलने के बाद श्रमिक परिवार का पालन पोषण बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित सलाहकार ने नगीना सहकारी कताई मिल समेत सभी कताई मिलों का स्थलीय सर्वें किया था। सलाहकार ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि नगीना सहकारी कताई मिल बिल्डिग जर्जर हो चुकी हैं और सभी मशीनें कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। वहीं उन्होंने रिपोर्ट में मिल पर श्रमिकों की देनदारी का भी जिक्र किया था। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने नगीना सहकारी चीनी मिल को नीलाम करने का निर्णय ले लिया।

-1974 में हुई थी मिल की स्थापना

-तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय अजीजुर्रहमान एवं पूर्व सांसद मंगलराम प्रेमी के अथक प्रयासों से नगीना-बिजनौर मार्ग पर स्थित लगभग 53 एकड़ भूमि पर सन् 1974 में सहकारी कताई मिल की स्थापना की गई थी। मिल का शिलान्यास प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने किया था। प्रारंभिक दौर में मिल में 2,400 बेरोजगार युवकों और युवतियों को रोजगार मिला था। इस कताई मिल को 12 अक्टूबर 1999 को बंद कर दिया गया। इस कारण मिल में कार्यरत इन 2,400 मजदूरों के हाथ में आया रोजगार छिन गया था। यह कताई चलेगी अथवा नहीं? के मुद्दे पर सपा, बसपा सरकार ने कोई निर्णय नहीं? लिया। अब योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए नगीना सहकारी कताई मिल समेत सूबे की छह चीनी मिलों को नीलाम करने के साथ इन मिलों पर यदि कोई देनदारी है तो इसे खत्म करने का निर्णय लिया है।

-इनका कहना है:

मिल बंद होने के बाद श्रमिकों करीब 3.30 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया था। कई बार शासन को पत्र भी लिखा गया, कितु भुगतान नहीं किया गया। पुराना भुगतान दिलाने के साथ-साथ श्रमिकों को अन्य मिलों में समायोजित कराया जाए, ताकि वह श्रमिक बेरोजगारी से मुक्ति पा सकें।

-मदनपाल, श्रम सहायक नगीना सहकारी कताई मिल।

सरकारें बदलती रही, लेकिन किसी सरकार ने भी नगीना कि बंद पड़ी कताई मिल की सुध नहीं ली। मिल बंद होने के बाद से सैकड़ों श्रमिक बेरोजगार घूम रहे है। मिल की नीलामी के बाद श्रमिकों का बकाया भुगतान कराने के साथ-साथ श्रमिकों को अन्य मिलो में समायोजित कराया जाए।

-मोहर सिंह, मुख्य माली) नगीना कताई मिल।

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