दरकती इमारत में गढ़ा जा रहा देश का भविष्य
जेएनएन बिजनौर। नगर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की इमारत पिछले एक दशक से खंडहर की हालत मे
जेएनएन, बिजनौर। नगर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की इमारत पिछले एक दशक से खंडहर की हालत में है। मुरादनगर में श्मशान घाट की छत ध्वस्त होने से 25 लोगों की मौत के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। शायद विभाग को यहां भी किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
थाने के सामने ब्रिटिश काल में वर्ष 1940 को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय की इमारत का निर्माण हुआ। यहां तीन कमरों, एक आफिस और बरामदे वाली इस इमारत में शिक्षा पाकर कई छात्र मंत्री, विधायक और उच्च पद पर पहुंच चुके हैं। पिछले करीब एक दशक से उक्त इमारत जर्जर हालत में है। मौजूदा हालत में उक्त विद्यालय संविलियन घोषित है। हालांकि यहां अध्ययनरत कुल 212 बच्चों को पढ़ने के लिए पर्याप्त आठ कमरे हैं, लेकिन उक्त इमारत के नीचे बच्चों के खेलने से अप्रिय हादसे होने की आशंका बनी रहती है। विभाग द्वारा उक्त इमारत को निष्प्रोज्य घोषित किया जा चुका है। मुख्याध्यापक जाकिर हुसैन के मुताबिक उन्होंने उक्त इमारत की नीलामी को गत 25 नवंबर 2019 को आला अधिकारियों को पत्र लिखा था, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जिला समन्वयक निर्माण सलीम बेग का कहना है कि विभाग जनपद के सभी जर्जर स्कूली भवनों की नीलामी प्रक्रिया में जुटा है।
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रखरखाव न होने से जर्जर
हो रहा ऐतिहासिक भवन
मुरादनगर की घटना के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई, तो अमला पुरानी इमारतों की सुध लेने में जुट गया। नजीबाबाद में कई ऐतिहासिक भवन जर्जर स्थिति में है और उन्हें मरम्मत की जरूरत है। पुरातत्व विभाग की ओर से इनकी सुध ली जाए, तो न सिर्फ बिल्डिग की मरम्मत होगी, बल्कि पर्यटन के रूप में भी विकसित होगा। शासन के निर्देश पर अधिकारी पुरानी बिल्डिगों को चिन्हित करने में जुट गया है। किराए के भवनों में चल परिषदीय स्कूलों की बिल्डिग भी स्थिति अच्छी नहीं है। विभाग की ओर से ऐसे भवनों को चिन्हित किया जा रहा है ।