मानव को धार्मिक कार्यो के लिए समर्पित करना चाहिए जीवन
नजीबाबाद (बिजनौर): जयनगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को शुरू चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
नजीबाबाद (बिजनौर): जयनगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को शुरू चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि अशरण शरण श्रीवास्तव ने कहा कि मनुष्य सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना है, इसलिए मनुष्य को श्रेष्ठ कार्य करके अपने जीवन को धार्मिक कार्यों के लिए समर्पित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की गरिमा अपरंपार है। उन्होनें कहा कि व्यक्ति निर्माण से परिवार निर्माण होता है। परिवारों के निर्माण से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। सादा जीवन उच्च विचार की नीति व्यक्ति को देवता बनाती है।
वहीं जितेन्द्र मिश्रा ने षोडश संस्कारों के महत्व पर चर्चा करते हुए पुंसवन संस्कार, अन्न प्रासन संस्कार, दीक्षा संस्कार का प्रशिक्षण देते हुए कहा कि गुरू-शिष्य परंपरा भारत की महान परंपरा है। प्रभाशंकर दूबे, कंवर ¨सह राणा, डीपी ¨सह, अरुण शर्मा ने सप्त सूत्रीय आंदोलन, पर्यावरण, कुरीति उन्मूलन, नारी जागरण, युवा जागरण, आस्तिकता संवर्धन का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, संभल, मेरठ, शामली, बागपत, हापुड, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बिजनौर, साहरनपुर आदि के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इससे पहले चार दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ शांतिकुंज प्रतिनिधि अशरण शरण श्रीवास्तव व सरंक्षक न्यायमूर्ति रामअवतार ¨सह ने शांतिकुंज संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य व भगवती देवी शर्मा के चित्रों पर दीप प्रज्जवलित व माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम में डा. मनीष कुमार, यशवंत ¨सह, अरुण शर्मा, गोविंद, सतीश चंद मिश्रा, रामचन्द्र ¨सह, दीनानाथ, सुधा राठी, सुदेश, कमल शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, हरीश शर्मा, मधुबाला गुप्ता, डा. दीपक कुमार का विशेष सहयोग रहा।