अवैध रूप से चलता मिला क्लीनिक, होता था गर्भपात
चांदपुर : एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मोहल्ला पतियापाड़ा स्थित एक मकान में छापामारी कर
चांदपुर : एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मोहल्ला पतियापाड़ा स्थित एक मकान में छापामारी कर अवैध रूप से संचालित क्लीनिक व मेडिकल स्टोर पकड़ा। स्वास्थ्य टीम का दावा है कि यहां मिले यंत्रों से साफ है कि यहां डिलीवरी के साथ-साथ गर्भपात भी कराया जाता था। पुलिस ने यंत्रों व भारी मात्रा में दवाइयां कब्जे में ले ली। साथ ही क्लीनिक से संचालक के पुत्र को भी हिरासत में ले लिया है, जबकि, संचालक फरार है। नोडल अधिकारी की ओर से कोतवाली में क्लीनिक संचालक, उसके पुत्र व पत्नी के खिलाफ तहरीर दे दी है।
मोहल्ला पतियापाड़ा में एलआइसी दफ्तर के पीछे एक मकान में अवैध रूप क्लीनिक संचालित होने की शिकायत पर शनिवार शाम एसडीएम शिशिर कुमार, नोडल अधिकारी (क्वैक्स) डा. प्रमोद कुमार व उनकी टीम ने पुलिस के साथ राम ¨सह फलौदिया के मकान पर छापामारी की कार्रवाई की। टीम को वहां पर अवैध रूप से क्लीनिक चलता मिला। डिलीवरी टेबल, गर्भपात कराने के यंत्र व उससे संबंधित दवाइयां भी मिली। जांच में पाया गया कि यहां अवैध क्लीनिक के साथ-साथ मेडिकल भी संचालित होता है। जहां से प्रचुर मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां भी मिलीं। पुलिस ने मौके से राम ¨सह फलौदिया के पुत्र योगा को हिरासत में ले लिया। जबकि, राम ¨सह की पत्नी र¨वद्र कौर बीमार थी। जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके से प्राप्त दवाइयों व यंत्रों को कब्जे में ले लिया। डा. प्रमोद कुमार ने बताया कि जिस प्रकार के यंत्र व दवाइयां वहां से मिली है कि यहां अवैध रूप से गर्भवती महिलाओं का प्रसव और गर्भपात कराया जाता था। क्लीनिक व मेडिकल पूरी तरह अवैध हैं। इस प्रकरण में उनके खिलाफ इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 15 (2), 15 (3) व अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस संबंध में पुलिस को तहरीर भी दे दी गई है। बताया कि जब योगा व उसकी मां से इस संबंध में पूछताछ की गई तो उन्होंने कोई संतोष जनक जबाव नहीं दिया।
काफी समय से चर्चित था दंपती
डा. राम ¨सह फलौदिया व उसकी पत्नी र¨वद्र कौर काफी समय से इस काम को करते थे। लेकिन, सोचने वाली बात यह थी कि एक मकान में गर्भपात होने की भनक आज तक अधिकारियों को क्यों नहीं लगी? जबकि, मकान में क्लीनिक व मेडिकल भी संचालित था। यही नहीं दंपति काफी समय से इस करतूत के लिए चर्चित थे। दबी आवाज में मोहल्ले के लोग चर्चा तो करते थे, लेकिन किसी ने शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटाई। हालांकि, अब किसी ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से की थी। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। बताया जाता है कि पहले तो दंपति ही काम को करते थे। अब अपने पुत्र को मेडिकल की जिम्मेदारी दे दी थी। यहां तक कि वह अपने मकान में प्रसव कराते थे।