ठंड बढ़ने पर होगी रैन बसेरों की व्यवस्था
बिजनौर जेएनएन। ठंड बढ़ने पर प्रत्येक वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर और बेसहारा लोगों के लिए र
बिजनौर, जेएनएन। ठंड बढ़ने पर प्रत्येक वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर और बेसहारा लोगों के लिए रैन बसैरों की व्यवस्था की जाती है, लेकिन अभी सरकारी स्तर से ठंड के बचाव के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे। हालांकि प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि ठंड बढ़ने पर स्थाई रैन बसेरों में ठहराव की व्यवस्था कराए जाने के साथ-साथ चौराहों पर अस्थाई रैन बसेरों की व्यवस्था की जाएगी। वहीं इस बार रैन बसेरों में कोरोना से बचाव के बंदोबस्त किए जाएंगे।
सरकारी मानक के अनुसार 15 दिसंबर के बाद प्रत्येक वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर और बेसहारा लोगों को ठंड से बचाव के लिए स्थाई रैन बसेरों के अलावा मुख्य चौराहों, रोडवेज बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन पर अस्थाई रैन बसेरे बनाए जाते है। मौसम में ठंडक का एहसास होने लगा है, लेकिन अभी तक जिले में कही भी अस्थाई रेन बसेरे नहीं बनाए गए। वहीं स्थाई रेन बसेरों में भी ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नजीबाबाद क्षेत्र में शीतलहर के दौरान पालिका प्रशासन गरीबों को ठंड से बचाव के लिए रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड सहित सार्वजनिक स्थानों पर रैन बसेरों की व्यवस्था की जाती है, लेकिन अभी इस काम को अंजाम नहीं दिया गया। चेयरपर्सन साबिया निशात का कहना है कि इस रैन बसेरों का प्रतिदिन सैनिटाजेशन कराने के साथ-साथ हाथ धोने के लिए साबुन व सैनिटाइजर, बिस्तरों के प्रतिदिन कवर बदलने, पानी की उचित व्यवस्था की जाएगी।
उधर पालिका और तहसील प्रशासन की ओर से तीन-चार स्थानों पर रैन बसेरे बनाए जाते हैं, लेकिन अभी रैन बसेरे बनाए नहीं गए हैं। ठंड शुरू होनेके बाद पालिका एवं राजस्व विभाग के अधिकारी तैयारी में जुट गए है। पालिका परिषद द्वारा रोडवेज बस स्टैंड और तहसील प्रशासन द्वारा नगीना चौराहा, रेलवे स्टेशन सहित कुल चार स्थानों पर रैन बसेरे बनाए जाने के साथ-साथ रिक्शा चालकों व अन्य लोगों के लिए ठहराव की व्यवस्था की जाती है। पालिकाध्यक्ष राजू गुप्ता का कहना है कि ठंड बढ़ने पर लोगों की सुविधा के लिए रैन बसेरे बनाए जाएंगे।