लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा बासी भोजन
रेलवे स्टेशन पर वैंडर रेल यात्रियों को बासी खाना पसोस रहे हैं। इससे सफर के दौरान लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
नजीबाबाद (बिजनौर): मौसम में बार-बार बदलाव का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव खाद्य पदार्थों पर पड़ रहा है। बासी खाना खाकर से लोग फूड प्वाइजनिग के शिकार हो रहे हैं। क्षेत्र के अस्पतालों में इस तरह के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रेलवे स्टेशनों पर रेल यात्रियों को बासी खाद्य पदार्थ परोसने की स्थिति से निपटने के लिए रेलवे अधिकारियों ने कोई तैयारी नहीं की है।
नजीबाबाद रेलवे स्टेशन पर सहारनपुर-मुरादाबाद रेल मार्ग के अलावा दिल्ली और कोटद्वार रूट की रेलवे ब्रांच लाइनें हैं। नजीबाबाद रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में यात्रियों को वेंडर खाने-पीने की चीजें पहुंचाते हैं। प्लेटफार्म पर लगे स्टॉल व ठेलियों से भी खाद्य पदार्थ परोसे जाते हैं। मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण कुछ दिनों में कई लोग फूड प्वाइजनिग के शिकार हुए हैं, लेकिन शहर और रेलवे स्टेशनों पर बासी एवं विषाक्त भोजन एवं अन्य खाद पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए हैं।
शहर में ठेलों पर काटकर रखे गए फलों की नुमाइश कर फल बेचे जा रहे हैं। गन्ने के रस के काउंटरों पर साफ-सफाई और गन्ने की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं है। रेलवे स्टेशन पर छोले-चावल, ब्रेड पकौड़ा, समोसे आदि की गुणवत्ता और उसे रखने की समय सीमा की ओर भी किसी का ध्यान नहीं है। हाल ही में क्षेत्र के गांव गूढ़ासराय में फूड प्वाइजनिग से एक बालिका की मौत के साथ दर्जनभर लोग गंभीर रूप से पीड़ित हो गए थे। समय रहते उपचार मिलने से उनकी जान बच गई थी। इसके साथ ही क्षेत्र के अस्पतालों में उल्टी-दस्त के पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। -इनका कहना है
कोटद्वार से मंडी धनौरा तक छोटे-बड़े 19 स्टेशनों पर बासी खाद्य पदार्थों की बिक्री नहीं होने देने के लिए चौकसी बरती जा रही है। कुछ समय पहले खाद्य पदार्थों की जांच कराई गई थी। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता परखने के लिए फिर से सैंपल लिए जाएंगे। बासी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने का अधिकार स्वयं रेल यात्रियों और स्टेशन अधीक्षक को भी है।
-उल्फतराम, हेल्थ इंस्पेक्टर, रेलवे नजीबाबाद