रेस्पांस टाइम में तेज 'दौड़' रही पीआरवी
पीआरवी गाड़ी पीड़ित के पास तेजी से पहुंच रही है। रेस्पांस टाइम में हुआ सुधार इसकी गवाही दे रहा है। जिले का रेस्पांस टाइम 15 मिनट से घटकर साढ़े नौ मिनट तक पहुंच गया है। जिला जोन के अंदर रेस्पांस टाइम में अव्वल है। यह सुधार रुटीन चेकिग और गाड़ी के तेजी से मूव इसकी वजह है। इस वक्त यूपी-112 की जिले में 56 गाड़ियां और 10 बाइक हैं।
बिजनौर, जागरण टीम। पीआरवी गाड़ी पीड़ित के पास तेजी से पहुंच रही है। रेस्पांस टाइम में हुआ सुधार इसकी गवाही दे रहा है। जिले का रेस्पांस टाइम 15 मिनट से घटकर साढ़े नौ मिनट तक पहुंच गया है। जिला जोन के अंदर रेस्पांस टाइम में अव्वल है। यह सुधार रुटीन चेकिग और गाड़ी के तेजी से मूव इसकी वजह है। इस वक्त यूपी-112 की जिले में 56 गाड़ियां और 10 बाइक हैं। 500 पुलिसकर्मी यूपी-112 में तैनात है। पीड़ित तक जल्द पहुंचना इस योजना की प्राथमिकता होती है। इस वक्त जिले की पीआरवी गाड़ी इस कोशिश पर खरी उतरी है। नोडल अधिकारी एसपी सिटी ने बताया कि जिले के रेस्पोंस टाइम में उछाल आया है। रेस्पोंस टाइम 15 मिनट से घटकर अक्टूबर माह में 9.31 घंटे आ गया है। वहीं प्रदेश की रैंकिग में 17 नंबर पर आ गया है। तीन माह पूर्व जिले की रैकिग 60 के लगभग थी। रेस्पोंस टाइम में जिला जोन में नंबर एक पर है।
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इस वजह से आया सुधार
यूपी-112 में तैनात रहे एसपी सिटी प्रवीन रंजन सिंह के जिले में आने पर उन्होंने इस काफी ध्यान दिया। यूपी-112 के जानकार निरीक्षक रजी अहमद को लगाया गया है। टीम ने एवरेज टाइम के सभी बिदुओं में सुधार किया। लगातार रुटीन चेकिग की गई। लखनऊ का मैसेज अटेंड करना और पीआरवी के मूव टाइम में सुधार किय गया है। रेस्पांस टाइम में सबसे अधिक महत्वपूर्ण टारगेट की ओर गाड़ी के तेजी से पहुंचना रहा है। साढ़े आठ मिनट में पीआरवी का मौके पर पहुंचने का औसत रहा है। वहीं पीआरवी गाड़ियों की लगातार निगरानी की गई।
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यूपी-112 के रेस्पांस टाइम में अच्छा सुधार हुआ है। यह सुखद है कि जरूतमंद और पीड़ित तक जल्द मदद पहुंच रही है। यूपी-112 की टीम को दस हजार रुपये इनाम दिया गया है। नोडल अधिकारी लगातार निगरानी करते रहे।
डा. धर्मवीर सिंह, एसपी