भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं: प्रियंका वाड्रा
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा रविवार शाम अचानक नहटौर पहुंच गई।
बिजनौर, जेएनएन। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा रविवार शाम अचानक नहटौर पहुंच गई। वह नहटौर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिसा में मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिलीं। साथ ही घायल ओमराज सैनी के परिवार से मिलने भी पहुंचीं। प्रियंका ने परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रियंका ने कहा कि वह खुद को अकेला न समझें। हम उनकी आवाज उठाएंगे। प्रियंका ने नागरिकता कानून को जनहित के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सरकार को देश के किसी भी नागरिक से भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं है।
रविवार शाम करीब चार बजे प्रियंका वाड्रा नहटौर पहुंचीं। उनका दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया। उनके आने से कुछ देर पहले ही स्थानीय पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। यहां तक कि जिन परिवारों से उन्हें मिलना था, उन्हें भी इस बारे में नहीं बताया गया था। प्रियंका सबसे पहले मोहल्ला मिर्दगान स्थित मृतक अनस के घर पहुंचीं। प्रियंका के आने की सूचना मिलते ही भीड़ जुट गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में सुरक्षा घेरा बनाया। प्रियंका ने अनस के परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद वे मोहल्ला नौधा स्थित मृतक सुलेमान के घर पहुंचीं। सुलेमान के पिता शोएब ने बताया कि प्रियंका ने परिवार को सांत्वना दी और दुख प्रकट किया। बाद में प्रियंका घायल ओमराज सैनी के घर कासमपुर लेखराज पहुंचीं। यहां उन्होंने ओमराज की पत्नी सुधा सैनी को गले लगाकर उनका हाल-चाल जाना। प्रियंका ने परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रियंका ने सुधा सैनी से घायल ओमराज सैनी के बारे में पूछा और मेरठ जाकर अस्पताल में ओमराज का हालचाल लेने की बात कही। इस दौरान प्रियंका के साथ पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद, शामली के पूर्व विधायक पंकज मलिक, बिजनौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान, चौधरी वीरेंद्र सिंह व कुलमणि त्यागी भी मौजूद रहे। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मीडिया और कई पुलिस अधिकारियों को भी अंदर नहीं जाने दिया।
ओमराज के घर से निकलने पर प्रियंका ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को किसी भी नागरिक से भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सरकार ऐसे गरीब और किसानों से उनके नागरिकता के कागजात मांग रही है, जो मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहा है, और झोपड़ी में रह रहा है। कैसे कोई कागज देगा। क्या कांग्रेस आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेगी, मीडिया के इस सवाल को प्रियंका टाल गई। उन्होंने कहा कि सरकार को नहटौर मामले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए।