पोस्ट कोविड रोगियों को टीबी का खतरा, रखें ध्यान
पोस्ट कोविड रोगियों में टीबी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इस कारण उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। पिछले दिनों जांच में पहले कोरोना संक्रमित रहे पांच टीबी मरीज मिल चुके हैं।
बिजनौर, जेएनएन। पोस्ट कोविड रोगियों में टीबी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इस कारण उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। पिछले दिनों जांच में पहले कोरोना संक्रमित रहे पांच टीबी मरीज मिल चुके हैं।
कोरोना संक्रमित रहे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, ऐसे में सावधानी नहीं बरतने पर वे कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीएस रावत बताते हैं कि कोरोना से उबरने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण टीबी का खतरा बना रहता है। खांसी के साथ बलगम आने पर लापरवाही न बरतें। खांसी बुखार और थकान के लक्षणों वाले पोस्ट कोविड मरीजों को एहतियातन टीबी की जांच करानी चाहिए। इनके अलावा ऐसे लोग फिर टीबी की चपेट में आ सकते हैं, जो टीबी से उबर चुके हैं। खांसी होने पर लापरवाही न बरतें, जांच कराएं। अब तक करीब पांच टीबी रोगी ऐसे मिल चुके हैं, जो कोरोना पीड़ित रह चुके हैं। - तीन माह में मिले 1803 टीबी रोगी
टीबी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से 31 अगस्त तक 3444 टीबी रोगी मिलने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से जून माह में 577, जुलाई में 616 एवं अगस्त माह में 610 मरीज मिले हैं। अगस्त माह के अंत तक मिले मरीजों में आधे से अधिक 1803 मरीज मरीज पिछले केवल तीन माह में मिले हैं। डा. बीएस रावत ने बताया कि लगातार खांसी होने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं। ध्यान रखें कि एक टीबी रोगी कई अन्य को रोग बांट सकता है।