मिक्सोपैथी के विरोध में किया कार्य बहिष्कार
जेएनएन बिजनौर मिक्सोपैथी (आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथी एवं नेचरोपैथी) शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं
जेएनएन, बिजनौर : मिक्सोपैथी (आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं नेचरोपैथी) शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मॉडर्न मेडिसिन (एलोपैथी) के साथ शामिल करने के विरोध में चिकित्सकों ने मंगलवार को दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान बिजनौर क्लब में धरना भी दिया।
सेंट्रल आईएमए के आह्वान पर आइएमए के तत्वावधान में चिकित्सकों ने मंगलवार को दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। चिकित्सक आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं नेचरोपैथी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मॉडर्न मेडिसिन (एलोपैथी) के साथ शामिल करने का विरोध कर रहे थे। चिकित्सकों ने मंगलवार को अपराह्न 12 से दो बजे तक कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान उन्होंने बिजनौर क्लब में धरना भी दिया। धरने के दौरान चिकित्सकों ने मिक्सोपैथी के दुष्प्रभाव एवं जनता को होने वाली हानियों के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की। चिकित्सकों ने कहा कि इसी क्रम में 11 दिसंबर की सुबह छह से शाम छह बजे तक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। अति आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं एवं कोविड सेवाओं को कार्य बहिष्कार से बाहर रखा गया है। धरना देने वालों में आईएमए के अध्यक्ष डा. सुभाष राणा, सचिव डा. राहुल देशवाल, डा. बीरबल सिंह, डा. राजेंद्र सिंह, डा. अनिल अग्रवाल, डा. नवनीत गर्ग, डा. धैर्य विश्नोई, डा. मंजू गौड़, डा. इंदु मिश्रा, डा. राहुल कुमार, डा. राजीव चौधरी, डा. निरुपमा चौधरी, डा. स्वाति राणा, डा. पंकज त्यागी एवं डा. बागेश कुमार आदि मौजूद रहे। तालाब से निकलकर बस्ती में घुसा मगरमच्छ
जेएनएन, बिजनौर। क्षेत्र के गांव चोहड़वाला में मंगलवार को तालाब से निकलकर एक मगरमच्छ बस्ती में घुसा आया। उसे देखकर गांव में अफरा-तफरी मच गई। बाद में कुछ ग्रामीणों ने मगरमच्छ को काबू कर रस्सियों से बांध दिया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम उसे अपने साथ ले गई। विभाग ने उसे राम गंगा नदी में छोड़ने की बात कही है।
मंगलवार को गांव चोहड़वाला में कुछ लोगों ने बस्ती में सड़क किनारे अचानक मगरमच्छ को देखा। इससे वह डर गए और अन्य ग्रामीणों को सूचना दी, मगरमच्छ के बस्ती में आने की सूचना से अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। पूर्व प्रधान विष्णु सिंह, धर्मपाल, खेल सिंह, भीम सिंह, नदीम व साजिद आदि ने बताया कि मगरमच्छ गांव के पास ही तालाब में रहता था, वहां से निकलकर शाम को बस्ती की ओर आ गया। बाद में कुछ ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे काबू किया और रस्सियों से बांध दिया। सूचना पर वन विभाग की टीम भी पहुंची और उसे कब्जे में लेकर अपने साथ ले गई। वन दारोगा सुनील राजौरा का कहना है कि मगरमच्छ को कब्जे में ले लिया गया है, बुधवार को रामगंगा नदी में छोड़ा जाएगा।