15 दिन बाद ट्रैप कैमरे में कैद हुई गुलदार की तस्वीर
बिजनौरजेएनएन। मोहंडिया गांव के जंगल में लगे ट्रैप कैमरों में 15 दिन बाद आतंक का पर्याय बने गुलदार की तस्वीर कैद हुई है। वन विभाग अफसरों की मानें तो मादा गुलदार के यूरिन से आकर्षित होकर गुलदार पिजरों तक पहुंचा कितु पिजरों में भीतर नहीं घुसा। ट्रैप कैमरों ने उसकी तस्वीर जरूर कैद कर ली है।
15 दिन बाद ट्रैप कैमरे में कैद हुई गुलदार की तस्वीर
बिजनौर,जेएनएन। मोहंडिया गांव के जंगल में लगे ट्रैप कैमरों में 15 दिन बाद आतंक का पर्याय बने गुलदार की तस्वीर कैद हुई है। वन विभाग अफसरों की मानें तो मादा गुलदार के यूरिन से आकर्षित होकर गुलदार पिजरों तक पहुंचा, कितु पिजरों में भीतर नहीं घुसा। ट्रैप कैमरों ने उसकी तस्वीर जरूर कैद कर ली है। वन विभाग के अफसरों ने ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट के साथ जंगल में गुलदार की तलाश की।
मोहंडिया गांव के जंगल में 25 दिसंबर से सक्रिय गुलदार की क्लियर तस्वीरें पांच जनवरी को ट्रैप कैमरों में कैद हुई थी। पांच जनवरी को गुलदार करीब 44 मिनट पिजरों के आसपास घूमता रहा, लेकिन पिजरे तक नहीं गया। हालांकि कई दिन पहले पिजरे में दो कुत्ते जरूर बंद हो गए थे। शनिवार रात गुलदार ने इसी क्षेत्र में किसी जानवर का शिकार किया। गांव में तालाब के पास गुलदार के पदचिन्ह मिले। रविवार रात डीएफओ डॉ एम सेम्मारन और ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ आरके सिंह ने वन विभाग की टीम के साथ मोहंडिया के जंगल में गुलदार की तलाश की। इस दौरान उन्होंने कानपुर चिड़ियाघर से लगाए मादा गुलदार के यूरिन को जंगल में लगे पिजरों के आसपास गिराया था। सोमवार सुबह ट्रैप कैमरे चेक किए गए तो पिजरे के आसपास गुलदार की तस्वीर कैद हुई है। डीएफओ ने बताया कि अभी कानपुर चिड़ियाघर से मादा गुलदार का यूरिन मंगाया गया है।
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गन्ने के खेत बने ड्रोन उड़ाने में बाधक
मोहंडिया के जंगल में आतंक का पर्याय बने गुलदार की सटीक लोकेशन ट्रैस करने के लिए प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक सुनील कुमार पांडेय के निर्देश पर कई दिन पहले दुधवा (मध्यप्रदेश) पार्क से ड्रोन कैमरा बिजनौर पहुंच चुका है। वहीं जिस क्षेत्र में गुलदार ने डेरा डाल रखा है, उस क्षेत्र में एक और मालन नदी और दूसरी ओर खेतों में छह-छह फुट गन्ना खड़ा हुआ है। वहीं कीचड़युक्त रास्ते होने की वजह से उन खेतों में ड्रोन उड़ाने में दिक्कत आ रही है। वन विभाग के अफसर इस गुलदार को बेहोश करने के लिए ट्रेंकुलाइज गन लिए घूम रहे हैं। एक्सपर्ट डॉ आरके सिंह लगातार मोहंडिया में वन विभाग की टीम के साथ कांबिग कर रहे हैं, लेकिन सही लोकेशन ट्रैस नहीं होने की वजह से इस गन का इस्तेमाल अभी नहीं हुआ है। उधर, डीएफओ डॉ एम सेम्मारन का कहना है कि खेतों में गन्ना खड़ा होने की वजह से ड्रोन उड़ाने में दिक्कत आ रही है।
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गुलदार ने कुत्ते को
निवाला बनाया
रेहड़: गांव ढकिया में रविवार रात गुलदार ने एक कुत्ते को अपना शिकार बना डाला। सोमवार सुबह जंगल की ओर जा रहे कुछ ग्रामीणों ने कुत्ते का क्षत-विक्षत शव देखा। उन्होंने गांव में जाकर अन्य ग्रामीणों को सूचना दी। ग्रामीण कुलदीप सिंह, नारायण सिंह, सुखदेव, गज्जन, बूटा शर्मा आदि का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से गुलदार लगातार आबादी की ओर रुख कर रहा है। कई बार खेतों के आसपास भी घूमता दिखाई दिया है। गुलदार ने कुत्ते को निवाला बनाया है। आबादी में गुलदार के आने से ग्रामीण अपनी एवं अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितित हैं। वन दरोगा श्यामलाल यादव का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए पिजरा लगाया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अकेले गुलदार प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी है।
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