चुनाव का बहिष्कार वापस, मुकंदपुर में ग्रामीणों ने शुरू किया मतदान
तीन दलितों को गोली मारने के विरोध में मुरादाबाद संसदीय सीट के अंतगर्त बिजनौर के गांव मुकंदपुर में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया था बाद में उन्होंने मतदान शुरू कर दिया।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 01:05 PM (IST)
बिजनौर,जेएनएन। गांव मुकंदपुर के तीन दलितों को गोली मारने के विरोध में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। उनका कहना है कि जब तक पुलिस आरोपितों को सामने नहीं लाएगी तब तक वह वोट डालने नहीं जाएंगे। लेकिन बाद में ग्रामीणों ने चुनावों का बहिष्कार वापस ले लिया और मतदान करना शुरू कर दिया।
खाली पड़ा था बूथ
इस बूथ पर 928 वोट हैं लेकिन दोपहर तक सिर्फ दो वोट पड़े थे। बूथ खाली पड़ा था। ग्रामीणों के बहिष्कार के एलान से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए थे। ध्यान रहे कि रविवार देर रात मुकंदपुर के बाइक सवार दलित समाज के तीन लोगों को कार सवार लोगों ने उस वक्त गोली मार दी थी जब वह शादी का सामान लेकर गांव लौट रहे थे। इस गोलीबारी में बुलाकी सिंह की मौत हो गई थी जबकि दो लोगों का मेरठ के अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाद में अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया।
तीन लिए गए थे हिरासत में
सोमवार को सीएम के संज्ञान लेने पर एसपी सिटी ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में दूसरे समुदाय के तीन लोगों को हिरासत में लेने व घटना में प्रयोग की गई कार का पता चलने का दावा किया था। मंगलवार सुबह पुलिस-प्रशासन में उस वक्त हडकंप मच गया जब मुकंदपुर के ग्रामीणों ने एलान कर दिया कि जब तक घटना के आरोपित उनके सामने नहीं लाए जाएंगे तक तक वह मतदान नहीं करेंगे।
मृतक बुलाकी की पत्नी ने भी किया मतदान
उनका आरोप था कि पुलिस ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है। पुलिस ने गाड़ी बरामद करने के बाद आरोपितों के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है। एसडीम ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन वे वोट डालने को तैयार नहीं हैं। बुलाकी के दो बेटे सऊदी में होने के कारण वे अभी गांव नहीं पहुंचे हैं और उनके इंतजार में अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। इस बीच बुलाकी की पत्नी ने भी मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट डाला लेकिन इस दौरान उनके आंसू नहीं थमे।
खाली पड़ा था बूथ
इस बूथ पर 928 वोट हैं लेकिन दोपहर तक सिर्फ दो वोट पड़े थे। बूथ खाली पड़ा था। ग्रामीणों के बहिष्कार के एलान से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए थे। ध्यान रहे कि रविवार देर रात मुकंदपुर के बाइक सवार दलित समाज के तीन लोगों को कार सवार लोगों ने उस वक्त गोली मार दी थी जब वह शादी का सामान लेकर गांव लौट रहे थे। इस गोलीबारी में बुलाकी सिंह की मौत हो गई थी जबकि दो लोगों का मेरठ के अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाद में अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया।
तीन लिए गए थे हिरासत में
सोमवार को सीएम के संज्ञान लेने पर एसपी सिटी ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में दूसरे समुदाय के तीन लोगों को हिरासत में लेने व घटना में प्रयोग की गई कार का पता चलने का दावा किया था। मंगलवार सुबह पुलिस-प्रशासन में उस वक्त हडकंप मच गया जब मुकंदपुर के ग्रामीणों ने एलान कर दिया कि जब तक घटना के आरोपित उनके सामने नहीं लाए जाएंगे तक तक वह मतदान नहीं करेंगे।
मृतक बुलाकी की पत्नी ने भी किया मतदान
उनका आरोप था कि पुलिस ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है। पुलिस ने गाड़ी बरामद करने के बाद आरोपितों के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है। एसडीम ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन वे वोट डालने को तैयार नहीं हैं। बुलाकी के दो बेटे सऊदी में होने के कारण वे अभी गांव नहीं पहुंचे हैं और उनके इंतजार में अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। इस बीच बुलाकी की पत्नी ने भी मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट डाला लेकिन इस दौरान उनके आंसू नहीं थमे।
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