ट्रेनों में लटककर यात्रा करने को मजबूर हुए यात्री
चढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा था। आखिरकार लोग जैसे तैसे कोच के दरवाजों पर खतरनाक ढंग से लटक गए तो कुछ कोच के टायलेट में घुस गए जबकि कई लोग ट्रेन में सवार होने से वंचित हो गए।
बिजनौर जेएनएन। लंबी दूरी की कई ट्रेनें बंद होने से सीमित ट्रेनों पर निर्भर हुए यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ठंड में यात्रियों को ट्रेन के कोच के दरवाजों पर लटककर सफर कर रहे हैं। ट्रेनों में भीड़ का आलम ऐसा है कि कोच के टॉयलेट तक यात्रियों से खचाखच भरे हैं।
देहरादून रेलवे स्टेशन यार्ड का सु²ढ़ीकरण करने के लिए रेलवे ने लंबी दूरी की कई ट्रेनों के संचालन पर रेलवे ने ब्रेक लगा दी है। इनमें देहरादून-इलाहाबाद लिक एक्सप्रेस, देहरादून-काठगोदाम एक्सप्रेस, देहरादून-वाराणसी जनता एक्सप्रेस, देहरादून-रामनगर नैनी दून एक्सप्रेस, देहरादून-दिल्ली मसूरी एक्सप्रेस आदि ट्रेन शामिल हैं। इनके अलावा सहारनपुर से लखनऊ तक चलने वाली लंबी दूरी की पैसेंजर ट्रेन पिछले कुछ वर्षो से बंद हैं। दिन में नजीबाबाद से मुरादाबाद दिशा में जाने के लिए स्यालदाह एक्सप्रेस और जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन ही उपलब्ध हो पा रही हैं। शाम को एकमात्र साप्ताहिक ट्रेन राप्ती गंगा एक्सप्रेस पर ही यात्री निर्भर हैं। कम ट्रेन होने से नजीबाबाद से होकर गुजरने वाली स्यालदाह और जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेनों में हर हाल में सवार होना यात्रियों के लिए मजबूरी बन गया है।
रविवार दोपहर सहारनपुर से चलकर नजीबाबाद पहुंची जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन पहले से ही यात्रियों से खचाखच भरी थी। दर्जनों लोग प्रतीक्षारत थे। प्लेटफार्म पर पहुंचते ही ट्रेन में पहले से मौजूद लोगों की परवाह किए बगैर प्लेटफार्म पर मौजूद लोग ट्रेन की ओर लपक पड़े। अगले ही पल यात्रियों में चीख-पुकार मचने लगी। ट्रेन में सवार लोग ट्रेन से उतरने के लिए छटपटा रहे थे, तो प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों को ट्रेन में चढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा था। यह दृश्य रोज का है।