स्वयंवर में धनुष टूटने से क्रोधित हुए परशुराम
मोरना देवता रामलीला समिति की ओर से चल रही रामलीला मंचन में बुधवार रात चौथे दिन सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। जिसमें भगवान शिव जी के धनुष के टूटते ही परशुराम के अत्यंत क्रोधित होने और लक्ष्मण-परशुराम संवाद ने सभी दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
बिजनौर जेएनएन। मोरना देवता रामलीला समिति की ओर से चल रही रामलीला मंचन में बुधवार रात चौथे दिन सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। जिसमें भगवान शिव जी के धनुष के टूटते ही परशुराम के अत्यंत क्रोधित होने और लक्ष्मण-परशुराम संवाद ने सभी दर्शकों को रोमांचित कर दिया। रामलीला समिति के अध्यक्ष ने सभी दर्शकों से भगवान श्री राम के आदर्शों पर चलने को प्रेरित किया।
रामलीला मंचन के चौथे दिन सीता स्वयंवर में भगवान राम शिवजी का धनुष उठाते हैं, जिससे वह टूट जाता है। इसका पता लगते ही परशुराम वहां आते हैं। अत्यंत क्रोधित होकर वह अपने आपे से बाहर हो जाते हैं और उस व्यक्ति का वध करने की घोषणा कर देते हैं। जिसके बाद लक्ष्मण और परशुराम के बीच तर्क वितर्क शुरू हो जाता है। इस दौरान लक्ष्मण-परशुराम संवाद को सुनकर दर्शक रोमांचित हो उठे। अंत में राजा जनक उनसे माफी मांगते हैं और विश्वामित्र के समझाने से उन्हें माफ करते हुए कहते हैं कि मैं अभिमान के कारण प्रभु को नहीं पहचान पाया। रामलीला में राम का किरदार यश कुमार, लक्ष्मण का भानु, परशुराम का कुलवीर सिंह, रावण का योगेश कुमार, जनक का गुलाब सिंह ने निभाया। समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने सभी दर्शकों को श्रीराम के आदर्शों से अवगत कराते हुए जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। कमेटी की ओर से लवकुमार, जयवीर सिंह, रामवीर सिंह, विकास कुमार, सतेंद्र एडवोकेट, ऊदल सिंह, हेमंत, नरेश, लोमश कुमार आदि सदस्यों का सहयोग रहा।