मलेरिया का लार्वा मिलने पर 23 परिवारों को नोटिस
14 टीमों को लार्वा साइड के छिड़काव को लगाया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 3998 घरों का निरीक्षण किया गया जिनमें 23 में कूलर एवं कंटेनर आदि में जमा पानी में मलेरिया और डेंगू म'छर के लार्वा मिले।
बिजनौर : घरों में भरे हुए पानी में मलेरिया का लार्वा मिलने पर 23 परिवारों को नोटिस जारी किया गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि दोबारा लार्वा मिले तो उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया जाएगा। जनवरी से अब तक एक लाख 18 हजार 791 रक्त पट्टिकाएं बनाई गईं जिनमें से 165 को मलेरिया की पुष्टि हुई है।
शनिवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी ब्रजभूषण ने बताया कि बुखार के सीजन को देखते हुए जिले में 14 टीमों को लार्वा साइड के छिड़काव को लगाया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 3998 घरों का निरीक्षण किया गया जिनमें 23 में कूलर एवं कंटेनर आदि में जमा पानी में मलेरिया और डेंगू मच्छर के लार्वा मिले। इन सभी को नोटिस दिया गया। दोबारा लार्वा मिलेंगे तो पांच हजार का जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के 328 वार्डो तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 191 गांवों में लार्वा साइड का छिड़काव कराया गया है। 219 वार्डो और 40 गांवों में फा¨गग कराई गई है।
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रामपुर बकली में छिड़कवाया लार्वा साइड
ग्राम रामपुर बकली में स्थित मांटेसरी स्कूल के आसपास हो रहे जलभराव और गांव की नालियों में डेंगू और मलेरिया के लार्वा साइड छिड़काव कराया गया है। स्कूली बच्चों ने 19 सितंबर को जिलाधिकारी से मिलकर जलभराव में पनप रहे मच्छरों से संक्रामक रोगों के फैलने की शिकायत की थी। कई बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। ग्राम प्रधान ने बजट नहीं होने की बात कहते हुए जल भराव समाप्त करने के लिए कार्य कराने से हाथ खड़े कर दिए थे। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर जिला मलेरिया अधिकारी ब्रजभूषण ने स्कूल के आसपास हुए जलभराव में और नालियों में लार्वासाइड का छिड़काव कराया।
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डेंगू-मलेरिया से इस तरह करें बचाव
- डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। घर में कूलर, टंकी, फूलदान तथा आसपास पानी न रुकने दें।
- पानी के भरे हुए बर्तनों, टंकियों आदि को ढककर रखें।
- प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखाकर उपयोग करें।
- डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो पूरे बदन को ढकें।
- मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट आदि का यथा संभव प्रयोग करें।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।