अब 'नेताजी' की प्रतिमा खंडित
नजीबाबाद (बिजनौर): लंबी प्रतीक्षा और मशक्कत के बाद शहर में सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित तो
नजीबाबाद (बिजनौर): लंबी प्रतीक्षा और मशक्कत के बाद शहर में सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित तो हुई, लेकिन उसकी देखरेख की जिम्मेदारी रामभरोसे है। असामाजिक तत्वों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से चश्मा उखाड़कर प्रतिमा खंडित कर दी। इससे स्थानीय लोगों में रोष है।
स्वतंत्र सुभाष संघ के कार्यकर्ताओं ने वर्षों पहले शहर में आजाद ¨हद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश शुरू की थी। चंदा एकत्र कर आकर्षक प्रतिमा लाई गई, लेकिन प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति और उचित स्थान न मिलने के कारण प्रतिमा करीब तीन दशक तक स्थापित न की जा सकी। करीब तीन वर्ष पहले लाला मग्घूशरण सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधन द्वारा स्कूल गेट के बाहर प्रतिमा स्थापित करने की स्वीकृति दी गई। स्वतंत्र सुभाष संघ के अध्यक्ष प्रदीप डेजी के नेतृत्व में आखिरकार नेताजी की प्रतिमा स्थापित कर दी गई, लेकिन इस प्रतिमा की देखरेख की जिम्मेदारी रामभरोसे ही रही। इसके चलते असामाजिक तत्वों ने नेताजी की प्रतिमा पर लगा चश्मा उखाड़कर प्रतिमा को खंडित कर दिया। इसके साथ ही चबूतरे को भी क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई।
इनका कहना है
असामाजिक तत्वों को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। पहले भी दो बार प्रतिमा खंडित की जा चुकी है। संघ कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर प्रतिमा को सुरक्षित रखने और उसके आसपास पार्क विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे।
प्रदीप डेजी, अध्यक्ष, स्वतंत्र सुभाष संघ