बिजनौर में इलेक्ट्रिक लाइन फेल, पांच घंटे से खड़ी है मसूरी एक्सप्रेस
बिजनौर के चांदपुर के पास आज सुबह गजरौला-धनौरा रेल मार्ग के बीच इलेक्ट्रिक लाइन पर पेड़ टूट कर गिरने से विद्युत आपूर्ति फेल हो गई।
बिजनौर, जेएनएन। देहरादून से दिल्ली जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन पांच घंटे से भी अधिक समय होने के बाद भी बिजनौर के बागड़पुर रेलवे ट्रैक पर खड़ी है। इलेक्ट्रिक लाइन पर पेड़ गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित है। इसी महीने की पांच तारीख से ही इस ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जा रहा है। सिंगल ट्रैक होने के कारण अन्य ट्रेन का संचालन भी बाधित है।
बिजनौर के चांदपुर के पास आज सुबह गजरौला-धनौरा रेल मार्ग के बीच इलेक्ट्रिक लाइन पर पेड़ टूट कर गिरने से विद्युत आपूर्ति फेल हो गई। इससे जहां देहरादून से दिल्ली को जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन के पहिये थम गए, वहीं कई ट्रेन भी ट्रैक पर नहीं दौड़ सकी। पांच घंटे से अधिक समय से मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन गांव के पास बागड़पुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर खड़ी है।
देहरादून से सुबह करीब साढ़े पांच बजे दिल्ली जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस चांदपुर के गांव बागड़पुर पहुंची, तभी इलेक्ट्रिक लाइन की पावर फेल हो गई और ट्रेन वहीं रूक गई। अचानक ट्रेन रूकने से यात्री भी हैरान हो गए। जब लोग नीचे उतरे तो पता चला कि धनौरा और गजरौला रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक लाइन के ऊपर पेङ टूट कर गिर गया। जिससे पावर फेल हो गई है।
स्टेशन के आउटर पर पावर फेल होने से नजीबाबाद गजरौला पैसेंजर, इंटरसिटी, नजीबाबाद गजरौला और गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। स्टेशन इंचार्ज मुजफ्फर मलिक ने बताया कि लाइन ठीक करने का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही कार्य पूरा होने की संभावना है। उसके ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
रेलवे मुख्यालय बड़ौदा हाउस से हरी झंडी मिलने के बाद वित्तीय वर्ष 2018-19 तक सभी रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन की बात कही गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने लगभग 90 किलोमीटर गजरौला-मौअज्जमपुर ब्रांच लाइन का विद्युतीकरण किया था। इसके बाद देहरादून से दिल्ली जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस और नजीबाबाद-मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन में इलेक्ट्रिक इंजन लगा था। पांच अप्रैल से मंसूरी एक्सप्रेस इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित की गई। बिजनौर में पांच अप्रैल की रात से मसूरी एक्सप्रेस और नजीबाबाद से मुरादाबाद जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ाया गया।