Move to Jagran APP

बाजार में सेल नहीं, दामों में हो रही वृद्धि

लॉकडाउन-4 में छूट मिलने पर बाजार खुल गया है। करीब दो माह बाद बाजार खुलने से व्यापारी भी धीरे-धीरे अपने काम को पटरी पर लाने में जुटे हुए हैं लेकिन उनके सामने चुनौती कम नहीं हैं। जरूरी सामान की दुकानों को छोड़ कर अन्य दुकानें सूनी पड़ी हैं। कपड़े खेल सामान किताब आदि की दुकानों पर ग्राहक नदारद हैं। इसको लेकर व्यापारियों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:51 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:05 AM (IST)
बाजार में सेल नहीं, दामों में हो रही वृद्धि
बाजार में सेल नहीं, दामों में हो रही वृद्धि

बिजनौर जेएनएन। लॉकडाउन-4 में छूट मिलने पर बाजार खुल गया है। करीब दो माह बाद बाजार खुलने से व्यापारी भी धीरे-धीरे अपने काम को पटरी पर लाने में जुटे हुए हैं, लेकिन उनके सामने चुनौती कम नहीं हैं। जरूरी सामान की दुकानों को छोड़ कर अन्य दुकानें सूनी पड़ी हैं। कपड़े, खेल सामान, किताब आदि की दुकानों पर ग्राहक नदारद हैं। इसको लेकर व्यापारियों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।

loksabha election banner

लॉकडाउन-4 में बाजार खुलने से व्यापारी वर्ग ने राहत की सांस ली है। करीब दो माह बाद अब उद्यमी और छोटे-बड़े व्यापारी अपने व्यापार को पटरी पर लाने के लिए कमर कस चुके हैं, लेकिन वर्तमान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच उनके सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। एक ओर कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है, वहीं व्यापारी ग्राहक न होने से परेशान हैं। प्रशासन ने व्यापार को राहत देते हुए दुकानें खोलने की छूट दी है। पिछले तीन लॉकडाउन से व्यापार बंद होने से व्यापारियों को काफी हानि उठानी पड़ी है, लेकिन अब छूट के साथ ही बाजार में बढ़ती भीड़ और नियमों का पालन न होने के साथ ही ग्राहक न मिलने से व्यापारी असमंजस की स्थिति में हैं।

अन्य व्यापार में ग्राहक नदारद

छूट के साथ बाजार खुलने से प्रशासन ने व्यापारियों के अलग-अलग दिन निर्धारित किए हैं। जिससे एक व्यापार को सप्ताह में केवल दो या तीन दिन हीं दुकान खोलने का मौका मिल रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या व्यापारियों के सामने ग्राहकों की है। परचून व रोजमर्रा के जरूरी सामानों को छोड़ कर अन्य दुकानों पर ग्राहक नदारद हैं। कपड़ा, खेल सामान, लोहा व्यापार, टायर और किताबों की दुकानों पर ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे ये व्यापारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। स्टेशनरी व्यापारी जावेद रहमान शम्सी, खेल के सामान के विक्रेता तरुण शर्मा और टायर व्यापारी सतपाल चावला का कहना है कि इन व्यापारियों को ग्राहक ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हैं।

दामों में हुई काफी वृद्धि

लॉकडाउन के दौरान दो माह से फैक्ट्री व सभी निर्माण यूनिटें बंद होने से माल की उपलब्धता और सप्लाई पर भी पूरा असर पड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन माल पूरा नहीं है। जो माल बाहर से थोड़ा बहुत मंगाया भी जा रहा है तो उसके दामों में दस से बीस प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। इससे व्यापारियों की समस्या और बढ़ गई है। उनका कहना है कि एक ओर तो मांग बिल्कुल नहीं है और दूसरी ओर जो माल मंगाया जा रहा है, उसके दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में व्यापार को कैसे पटरी पर लाएंगे।

श्रमिक की व्यवस्था भी चुनौती

क्षेत्र में खादी, ब्रश, टैक्सटाइल, साबुन और लोहा उद्योग की इकाइयां विद्यमान हैं। जिनमें निर्माण में अधिकांश श्रमिक बाहर के हैं। खादी व लोहा उद्योग में स्थानीय कारीगर और मजदूर लगे हैं, बाकी में अधिकांश बाहर के क्षेत्रों के हैं। लॉक डाउन के दौरान सभी अपने घरों को चले गए हैं। फिलहाल श्रमिकों की वापसी के आसार नहीं हैं। ऐसे में स्थानीय उद्यमियों के सामने बड़ी चुनौती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.