गंगा के पाट में भगवा की सियासी पतवार के कई दावेदार
बिजनौर बिजनौर संसदीय सीट पर गंगा के पाट में भगवा की नाव डगमगा रही है। मुजफ्फरनगर की बढ़ती दावेदारी ने भाजपा हाईकमान की मुश्किल बढ़ा दी है। असमंजस की स्थिति है। आखिर हाईकमान सियासी पतवार बिजनौर के हाथ में सौंपे या मुजफ्फरनगर के। दो जिलों की दावेदारी ने हाईकमान को पशोपेश में डाल दिया है।
बिजनौर : बिजनौर संसदीय सीट पर गंगा के पाट में भगवा की नाव डगमगा रही है। मुजफ्फरनगर की बढ़ती दावेदारी ने भाजपा हाईकमान की मुश्किल बढ़ा दी है। असमंजस की स्थिति है। आखिर हाईकमान सियासी पतवार बिजनौर के हाथ में सौंपे या मुजफ्फरनगर के। दो जिलों की दावेदारी ने हाईकमान को पशोपेश में डाल दिया है।
परिसीमन में बिजनौर संसदीय सीट तीन मंडल मुरादाबाद, सहारनपुर व मेरठ का हिस्सा है। बिजनौर सीट के अंतर्गत सदर चांदपुर के अलावा मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर, पुरकाजी व मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट आती है। मौजूदा समय में भाजपा के कुंवर भारतेंद्र सिंह सांसद हैं। इस सीट पर चुनाव पहले चरण में होना है, लेकिन सीट पर बिजनौर और मुजफ्फरनगर के दावेदारों ने मुश्किल बढ़ा दी है। दरअसल, बिजनौर लोकसक्षा क्षेत्र मुजफ्फरनगर शहर के समीपवर्ती इलाकों तक फैला है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसे आधार बनाकर मुजफ्फरनगर के कई दावेदारों ने दावा ठोक दिया है। उनका तर्क है कि बिजनौर सीट पर बिजनौर और मुजफ्फरनगर की दो-दो विधानसभा लगती हैं। ऐसे में पहले बिजनौर को प्रतिनिधित्व मिला था। इस बार मुजफ्फरनगर का उम्मीदवार होना चाहिए। यहीं वजह है कि जिले से अधिक मुजफ्फरनगर के दावेदार हैं। सभी दावेदारों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव सिसौदिया का कहना है कि हाईकमान जिसे भी टिकट देगा पार्टी के कार्यकर्ता उसे मजबूती के साथ चुनाव लड़ाएंगे।
बिजनौर संसदीय सीट की विधानसभा
बिजनौर सदर
चांदपुर
मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
पुरकाजी (मुजफ्फरनगर)
हस्तिनापुर (मेरठ)