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पूरनपुर गांव में आज जुटेगा मालिनी नदी की सफाई को अमला

नजीबाबाद (बिजनौर) : मालिनी नदी की सफाई को गुरुवार की सुबह ग्राम पूरनपुर में प्रशासनिक अफसर

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 11:16 AM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 11:16 AM (IST)
पूरनपुर गांव में आज जुटेगा मालिनी नदी की सफाई को अमला
पूरनपुर गांव में आज जुटेगा मालिनी नदी की सफाई को अमला

नजीबाबाद (बिजनौर) : मालिनी नदी की सफाई को गुरुवार की सुबह ग्राम पूरनपुर में प्रशासनिक अफसर, भाकियू और अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता जुटेंगे। यह अभियान पूरनपुर से शुरू होकर बिजनौर तहसील के ग्राम ब्रह्मपुरी में समाप्त होगा। यहां मालिनी नदी का गंगा नदी से मिलन होता है। नमामि गंगे अभियान पर केंद्र और प्रदेश सरकार अरबों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन गंगा में सहयोगी नदियों का प्रदूषित पानी गिरने से इस अभियान पर को पूर्ण सफलता नहीं मिल रही है। अब शासन और जिला प्रशासन ने गंगा की सहयोगी नदी छोईया, मालिनी और हेमराज कालोनी के नाले की सफाई को अभियान शुरू किया। हेमराज कालोनी का नाला ¨सचाई विभाग साफ कर रहा है, जबकि मालिनी नदी की सफाई का बीड़ा भारतीय किसान यूनियन समेत कई अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उठाया है। उनके इस पुनीत काम में प्रशासनिक अफसर भी पूर्ण भागीदारी कर रहे है।

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सूत्रों का कहना है कि राजस्व विभाग ने ग्राम पूरनपुर, खैरुल्लापुर, शाहपुर, मोअज्जममपुर तुलसी, अलीपुरा, हर्षवाड़ा, रम्मनवाला, रामपुर बनवारी ए, कल्हेड़ी, नंगला इस्लाम, पुंडरी खुर्द, पुंडरी कलां, बुडगरी, बुडगरा, बहादरपुर शरफुद्दीन, सीकरी, टोडरपुर, अली माकन, हमीदपुर होते हुए रावली तक मालिनी नदी की सफाई को नदी का स्थल चिन्हित करने के साथ-साथ वहां झंडी भी लगा दी गई है। गुरुवार सुबह आठ बजे से प्रशासनिक अफसर, भाकियू और अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। सीडीओ डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि मालिनी नदी की सफाई के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

गंदे नालों पर भी लगानी होगी रोक

प्रशासनिक अफसरों, भाकियू समेत कई अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने पिछले कई दिन से मालिनी नदी की सफाई का बीड़ा उठा रखा है, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने यह सोचना मुनासिब नहीं समझा, कि मालिनी नदी में गिराए जा रहे मोअज्जमपुर तुलसीगढ़ी, मेंहदीबाग, चारबाग, टीला मंदिर, रम्पुरा समेत कई अन्य स्थानों का गंदा पानी का कैसे रोका जाएगा। हालांकि तीन साल पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन नालों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के निर्देश सम्बन्धित निकायों को दिए थे।


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