2बिज-9व10, गन्ने के खेत में मिला टिड्डी दल, दौड़े अफसर
बिजनौर जेएनएन। ग्राम चमरू नवादा में टिड्डी दल मिलने की सूचना पर कृषि विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिला कृषि अधिकारी एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर टिड्डी से प्रभावित खेत का निरीक्षण किया। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि ग्रास हापर कीट अर्थात सामान्य टिड्डा है जो गन्ने की ऊपर की आधी पत्ती को खा रहा है। उन्होंने आसपास किसानों के खेत व पेड़ों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यह वास्तविक टिड्डी कीट नहीं है।
गन्ने के खेत में मिला टिड्डी दल, दौड़े अफसर
बिजनौर, जेएनएन। ग्राम चमरू नवादा में टिड्डी दल मिलने की सूचना पर कृषि विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिला कृषि अधिकारी एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर टिड्डी से प्रभावित खेत का निरीक्षण किया। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि ग्रास हापर कीट अर्थात सामान्य टिड्डा है, जो गन्ने की ऊपर की आधी पत्ती को खा रहा है। उन्होंने आसपास किसानों के खेत व पेड़ों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि यह वास्तविक टिड्डी कीट नहीं है।
विकासखंड कोतवाली देहात के ग्राम चुड़ैली निवासी बसंती पत्नी हीरा सिंह की मौजा चमरू नवादा में गन्ने की फसल खड़ी है। मंगलवार सुबह विक्रम सिंह कुछ अन्य लोगों के साथ गन्ने के खेत में खुदाई करने पहुंचे। वहां उन्होंने बसंती के गन्ने के खेत में बड़ी संख्या में गन्ने की पत्तियों पर टिड्डी कीट का प्रकोप देखा, तो उन्होंने ग्रामीणों व ग्राम प्रधान को इस संबंध में जानकारी दी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल जिला कृषि रक्षा अधिकारी को देते हुए कहा कि ग्राम में टिड्डी दल का प्रकोप देखने को मिला है।
सूचना पर तत्काल जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र, प्रभारी मनोहर सिंह, राजकीय कृषि निवेश भंडार कोतवाली देहात अशोक कुमार, रजत चौधरी के साथ मौके पर पहुंचे और खेत का निरीक्षण कर पूर्ण जानकारी ली। जिला कृषि अधिकारी ने गन्ने के खेत का निरीक्षण कर बताया कि यह कीट स्थानीय ग्रास हॉपर है जो गन्ने के ऊपर की आधी पत्ती को खा रहा है। आसपास किसानों के गन्ने के खेतो व पेड़ों के निरीक्षण करने पर इसका प्रकोप नहीं पाया गया और न ही आसपास के खेतों व क्षेत्रों में यह कीट पाया गया है। उन्होंने संबंधित किसान को अपने खेत में क्लोरपायरिफास 50 प्रतिशत, साइपरमैथरीन 5 प्रतिशत की दो मिली प्रति लीटर पानी या लैम्डासायलोर्थीन 4.9 प्रतिशत की एक मिली/ली0 पानी में घोल बनाकर शाम के समय सूरज ढलने के बाद छिड़काव करने की सलाह दी। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसान कृष्ण कुमार, सुरेश कुमार, कपिल, दिग्विजय सिंह, विक्रम सिंह आदि किसानों को डिजर्ट टिड्डी से बचाव के उपाय के बारे में विस्तार से बताया तथा खेतों के रोजाना निरीक्षण करते रहने की अपील की गई।