एनसीसी कैडेट्स को यातायात नियमों की दी जानकारी
जेएनएन बिजनौर। आरएसएम महाविद्यालय में एनसीसी ईकाई द्वारा सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ किय
जेएनएन, बिजनौर। आरएसएम महाविद्यालय में एनसीसी ईकाई द्वारा सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ किया गया। इस दौरान गोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें कैडेट्स को यातायात नियमों की जानकारी दी गई।
गुरुवार को सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत आरएसएम महाविद्यालय में गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें कैडेट्स को जागरूक करते हुए मेजर डा. राजेश चौहान ने कहा कि यातायात नियमों की जानकारी न होने या अनदेखी करने से ही दुर्घटना होती हैं। वाहन चालक तथा सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। वाहन निर्धारित गति से चलाएं, अकारण हार्न न बजाएं तथा ट्रेफिक सिग्नल का हमेशा पालन करें। गोष्ठी में एनसीसी सारजेंट सबीना परवीन, अंडर अफसर राजन कांबोज, मोहित, सुचित्रा, खुशी छाबड़ा आदि ने भी यातायात नियमों के संबंध में बताया। इस अवसर पर प्राचार्य डा. रंजन अग्रवाल, डा. वीके सिंह, डा. एसपी सिंह, सूबेदार मेजर गोविद सिंह नेगी, सूबेदार वीरेन्द्र सिंह, कुंदन सिंह आदि उपस्थित रहे। मनमानी और तानाशाही बंद करे प्रदेश सरकार
जेएनएन, बिजनौर। साहनपुर के पूर्व चेयरमैन एवं सपा नेता खुर्शीद मंसूरी के आवास पर समाजवादी पार्टी की सभा आयोजित हुई। जिसमें सरकार द्वारा मौलाना मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की आलोचना की गई। इसके बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
गुरुवार को साहनपुर में आयोजित सभा में पूर्व चेयरमैन खुर्शीद मंसूरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है। सरकार मौलाना मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर अपनी मिलकियत का दावा करते हुए यूनिवर्सिटी को बंद कर उन पूंजीपतियों को मजबूत करना चाहती है, जिन्होंने शिक्षा को व्यापार के रूप में स्थापित कर दिया है। यह इसलिए हो रहा है, क्योंकि इसके संस्थापक पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां हैं। सभा में माजिद बेग, नौशाद अहमद, इमरान मंसूरी, मोहम्मद शकील, मुजफ्फर अली, शादाब, बबलू मंसूरी, हाजी इकबाल, इंजीनियर अखलाक, अहमद ठेकेदार, अजमल, फुरकान, छोटे, लड्डन खां, सरफराज मंसूरी, काले खां, शानू, जाफर सलमानी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभा के बाद सपा नेता खुर्शीद मंसूरी के नेतृत्व में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को देकर सरकार से मनमानी बंद करने और अपना तानाशाहीपूर्ण फरमान वापस लेने की मांग की।