Move to Jagran APP

मनरेगा को खेती से जोड़ने की कवायद

बिजनौर : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है। इसके लिए कई अन्य

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 10:26 PM (IST)
मनरेगा को खेती से जोड़ने की कवायद
मनरेगा को खेती से जोड़ने की कवायद

बिजनौर : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है। इसके लिए कई अन्य उपायों के साथ ही मनरेगा को कृषि से जोड़ने की कवायद हो रही है। यदि इस योजना को अमली जामा पहना दिया गया तो इससे किसानों की आय में तो इजाफा होगा ही साथ ही मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों को भी स्थानीय स्तर पर भरपूर काम मिल सकेगा।

prime article banner

बीती 10 अगस्त को मध्य उत्तर प्रदेश के जनपदों की लखनऊ में बैठक हो चुकी है। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। मंगलवार को मेरठ में मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद और अलीगढ़ मंडलों के अधिकारियों की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मनरेगा को कृषि से जोड़ने पर विचार किया गया। बैठक में शामिल हुए बिजनौर के उप कृषि निदेशक जेपी चौधरी ने प्रस्ताव रखा है कि मनरेगा को सीधे तौर पर कृषि से जोड़ा जाए। इससे किसानों को पर्याप्त मजदूर गांव स्तर पर ही मिल जाएंगे। इससे किसान को यह लाभ होगा कि उसे कम मजदूरी का भुगतान करना होगा। उसकी लागत कम होगी और आय में इजाफा होगा। मजदूरों की पर्याप्त संख्या होने के कारण फसलों की बुआई और कटाई आदि कार्य समय से हो सकेंगे इससे उत्पादन पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा। मनरेगा में पंजीकृत हैं डेढ़ लाख मजदूर

जनपद में मनरेगा में करीब डेढ़ लाख मजदूर पंजीकृत हैं। इनमें से कुछ को ही पूरे 100 दिन का काम मिल पाता है। यदि मनरेगा को खेती से जोड़ा गया तो मजदूरों को उनकी मांग के अनुरूप काम गांव में ही मिल जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.