सफाई के मामले में पढ़े-लिखों को पछाड़ गई गांवों की जागरूकता
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले को खुले में शौच मुक्त करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले अभियान शुरू हुआ था।
बिजनौर (जागरण संवाददाता)। माना जाता है कि शहरों में पढ़ा-लिखा अभिजात्य वर्ग रहता है जो गांवों के मुकाबले तरक्की और जागरूकता में काफी आगे होता है लेकिन ओडीएफ के मामले में उल्टा हो रहा है। ग्राम पंचायतें खुले में शौच मुक्त हो गईं लेकिन नगर निकायों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। साहनपुर नगर पंचायत को छोड़कर अन्य किसी नगर निकाय को खुले में शौच मुक्त नहीं माना गया है जबकि दो निकाय तो ऐसे हैं जिन्होंने अभी प्रस्ताव भी शासन को नहीं भेजे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले को खुले में शौच मुक्त करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले अभियान शुरू हुआ था। जिले में 1128 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों को शासन ने खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है। नजीबाबाद शुगर मिल में कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओडीएफ हो चुके प्रदेश के छह जिलों में बिजनौर की भी सराहना की।
साथ ही जिले की नगर पंचायत साहनपुर के सबसे पहले ओडीएफ होने पर सराहना की। साहनपुर को छोड़कर ओडीएफ के मामले में अन्य निकाय काफी पिछड़ गए हैं। जिले में 12 नगर पालिकाएं और छह नगर पंचायतें हैं। साहनपुर नगर पंचायत को छोड़ दें तो बाकी में यह अभियान काफी सुस्त रहा है।
बाकी नगर निकाय तो ग्रामीण क्षेत्रों से भी पिछड़ गए हैं। बताया जाता है कि हल्दौर और बढ़ापुर नगर निकायों ने तो अभी खुले में शौच मुक्त होने का प्रस्ताव तक पारित नहीं किया है जबकि बाकी नगर निकायों में यह प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा जा चुका है।
लेकिन शासन स्तर से इन्हें अभी ओडीएफ घोषित नहीं किया गया है। निकायों से प्रस्ताव पहले राज्य सरकार को जाता है। इसके बाद भारत सरकार को भेजा जाता है। भारत सरकार से टीम आकर जांच करती है। इसके बाद ही किसी निकाय को ओडीएफ का दर्जा दिया जाता है।
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एडीएम प्रशासन मदन सिंह कहते हैं, साहनपुर को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। बढ़ापुर और हल्दौर को छोड़ बाकी निकायों के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। अभी इन निकायों को ओडीएफ घोषित नहीं किया गया है।
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